मामा जी की यादों में
मामा जी की यादों में आप नहीं रहे इस जग में मामा जी, *किंतु* आपकी कमी दिन-रात खलती है। जब कभी मैं बीती बातों को दोहराता हूंँ, तो मेरी आंँखें-भर आती *हैं* मामा जी। पर *नियती* को कौन रोक सकता है भला, जब कभी अररिया की चर्चा होती है तो, [...]