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सोलह श्रृंगार

सोलह श्रृंगार मैं तो सुहाग सिंदूर मांग सजाऊँ। मैं तो कंगन,चूड़ी खन-खन खनकाऊँ। मैं तो पायलियाँ छन-छन छनकाऊँ। होता नहीं भाग्य में लिखा सबका सोलह श्रृंगार। चाहिए इसके लिए प्रभु जी की कृपा अपार। मैं तो मेहंदी हाथ रचाऊँ। मैं तो महावर पांव लगाऊँ। काजल से अखियाँ कजराऊँ। होता नहीं [...]

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच उत्तर प्रदेश इकाई, लखनऊ का द्वितीय राष्ट्रीय साहित्यिक समारोह 2024

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच उत्तर प्रदेश इकाई, लखनऊ का द्वितीय राष्ट्रीय साहित्यिक समारोह 2024 लखनऊ, आगामी 27 अक्टूबर 2024 को युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच उप्र इकाई, लखनऊ एवं सनबीम स्कूल बलिया के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय साहित्यिक समारोह 2024 का आयोजन किया जाएगा, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में जननायक [...]

करवा चौथ

करवा चौथ सजन मोरी सितारों से जड़ी है लाली चुनरियाँ। सजन मोरी चम- चम चमके है लाली चुनरियाँ। प्रेम के रंग से रंगी हुई है यह मनभावन लाल चुनरियाँ । ज्यों ज्यों जीवन बीत रहा है और भी चमके मोरी चुनरियाँ। सप्तपदी और सात वचन ले तुझसे जीवन डोर बँधाई [...]

माँ महाकाली स्तुती

माँ महाकाली स्तुती हे काली मैया मेरी महाकाली मैया शक्ति दो मैया हमको भक्ति दो मैया।। घंटा टन टन बाजे माता का मंदिर सोहे छत्र चढे़ मैया को फल फूल ध्वजा मोहे।। भक्ति से सुमरो भक्तों दुखो को हरती मैया शक्ति दो मैया हमको भक्ति दो मैया।। शस्त्र धारणी शैल [...]

रतन टाटा

रतन टाटा रतन टाटा । भाई है मोटा । साथ है छूटा। दिल है टूटा। देश का बेटा। सुनीता। जन्म हुआ था । मुंबई में था। बड़े घर था । पढ़ रहा था। टाटा नाम था। सुनीता। टाटा अध्यक्ष। बना है दक्ष। जन के पक्ष। सब समक्ष। ना था विपक्ष। [...]

शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा आज के दिन चंद्रमा पूर 16 कलाओं से परिपूर्ण रहते हैं | आज की विशेषता ये है कि रात्रि 12 बजे अमृत वर्षा होती है | खीर बनाई जाती है बाहर रखते हैं अमृत के लिये | शरद पूर्णिमा को महिलाऐं व्रत रखती हैं लड्डू या पेड़े देकर [...]

दशहरा: विजय का प्रतीक और शिक्षाओं का पर्व

दशहरा: विजय का प्रतीक और शिक्षाओं का पर्व   दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और इसका संदेश है [...]

आज फिर रावण मारा जायेगा

आज फिर रावण मारा जायेगा मुझे गंभीर मुद्रा में देख पत्नी ने कहा — क्या हुआ जी, आपसे कुछ कहा जायेगा। मैने कहा – भाग्यवान, आज फिर रावण मारा जायेगा। पत्नी ने कहा- क्या कहा, आज फिर रावण मारा जायेगा, पिछले बरस तो मारा गया था, बदले में हमने बच्चों [...]

विजयदशमी पर्व

विजयदशमी पर्व विजयदशमी का पर्व है आज भी मनता है पर राम कौन बनता है हर मनुष्य स्वार्थ मे बहका है निस्वार्थ सेवा कौन करता है राम कौन बनता है ना त्याग है ना रिश्ते है ना मित्रता है ना सेवा है कौन किसके लिये मरता है राम कौन बनता [...]