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छात्राओं को बताया गया मकर संक्रांति का वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक महत्व

छात्राओं को बताया गया मकर संक्रांति का वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक महत्व

अनूपपुर- लोक शिक्षण संचालनलय स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल एवं जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर के निर्देशानुसार शासकीय कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर में छात्राओं को मकर संक्रांति पर्व के संदर्भ में श्री डी.ए.प्रकाश खांडे सामाजिक विज्ञान के शिक्षक द्वारा सत्र संचालित करते हुए व्याख्यान दिया गया | भारत भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं का देश है,यहां विभिन्न संस्कृति एवं धार्मिक मान्यताओं के लोग निवास करते हैं और अपने परंपरा अनुसार धार्मिक एवं सामाजिक उत्सव मनाते हैं | उसी क्रम में सामाजिक एवं धार्मिक पर्व मकर संक्रांति है जिसे संपूर्ण भारत में मनाया जाता है |

मकर संक्रांति

भारत में इस पर्व को बनाने की परंपरा यह है कि माघ महीने के कृष्ण पक्ष के प्रथम दिन में यह मकर संक्रांति का पर्व दिनांक के अनुसार 14 जनवरी को मनाया जाता है | मकर संक्रांति (14 जनवरी) के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर धीरे-धीरे बढ़ता है जिसके कारण सूर्य उत्तरायण भी कहा जाता है | सूर्य की किरणें में तेज और रबी की फसलों का आना प्रारंभ हो जाता है, सामान्य जनमानस इस त्यौहार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं | मकर संक्रांति के अवसर पर है बाजार एवं धार्मिक स्थान में मेले का आयोजन किया जाता है जहां विविध नृत्य संगीत एवं आपसी भाईचारे का बोध होता है |

भौगोलिक एवं वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक तौर पर इसका मुख्य कारण पृथ्वी का निरंतर 6 महीना के समय अवधि के उपरांत उत्तर से दक्षिण की ओर वलन कर लेना है और यह प्राकृतिक प्रक्रिया है | सूर्य धीरे-धीरे उत्तरी गोलार्ध की ओर झुकता है जिससे दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है | मकर संक्रांति से शीत ऋतु का अंत और बसंत ऋतु की शुरुआत होती है | कहा जाता है कि सूर्य की स्थिति मध्य से उत्तर और दक्षिण दिशा में झुकने से तथा सूर्य के मकर राशि में प्रवेश और फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है | इस पर्व पर नदियों में स्नान का ज्यादा महत्व है |

धार्मिक एवं सामाजिक महत्व

इस पर्व का धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है इस पर्व पर घर में मीठे पकवान और तीली गुड़ के लड्डू बनाई जाती है, पतंग उड़ाते हैं तथा सामाजिक उत्सव कार्यक्रम करते हैं | सूर्य को जल अर्पण एवं अपने विश्वास आस्था मान्यता के अनुसार धार्मिक कार्य करते हैं और खुशियां मनाते हैं |
देश यह भारतीय संस्कृति है मकर संक्रांति भारत देश को सुंदरता और एकता के सूत्र में कायम रखने की प्रेरणा देती है | मकर संक्रांति को भारत में निवास करने वाले लोग विविध संस्कृति में मनाते है,जैसे पंजाब मे लोहडी, उत्तर भारत में मकर संक्रांति, दक्षिण भारत में पोंगल व असम मे बीहू पर्व के रूप में मनाया जाता है | अतः 14 जनवरी का खास दिन विविध संस्कृति के रूप में राष्ट्रीय एकता एवं भारतीय संस्कृति की गरिमा बनाई हुई है |

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