समर भूमि
समर भूमि ________ समर भूमि में पीठ दिखाकर, बंचा लिया वह प्राण कैसा ? धन का नाश करता पाप, पिघलाता जैसे बर्फ को ताप। जा सके ना साथ जो, उस धन का अभिमान कैसा ? अपढ़ अशिक्षित दर दर भटकें, अपमान सहें और आंसू गटकें। काम ना आ सके जो [...]
समर भूमि ________ समर भूमि में पीठ दिखाकर, बंचा लिया वह प्राण कैसा ? धन का नाश करता पाप, पिघलाता जैसे बर्फ को ताप। जा सके ना साथ जो, उस धन का अभिमान कैसा ? अपढ़ अशिक्षित दर दर भटकें, अपमान सहें और आंसू गटकें। काम ना आ सके जो [...]
31 अक्टूबर :राष्ट्रीय एकता दिवस विशेष इकतीस अक्टूबर पुण्य तिथि, अठरह सौ पचत्तर नाडि यार। गुजरात की धरती जन्म लिया, कुल लेउआ पटेल पाटी दार।। वह थे बचपन से ही मेधावी, कृषि कार्यों में हाथ बटाते थे। रग रग में भरा था स्वाभिमान, सच,देशहित पर अड़ जाते थे।। लंदन से [...]
संत श्री कबीरदास जी भक्तमाल ग्रन्थ से ली गई पंक्तियां – भक्ति बिमुख जो धर्म सोई अधरम करि गायो। जोग जग्य व्रत दान भजन बिनु तुच्छ दिखायो।। हिंदू तुरक प्रमान रमैनी सबदी साखी। पच्छपात नहीं बचन सबहिं के हित की भाषी।। आरूढ़ दशा है जगत पर सुख देखी नाहिंन भनी। [...]
हिंदी मेरी सबसे प्यारी हिंदी मेरी मातृभाषा , हिन्दुस्तान की है पहचान। संस्कृत से निकलकर बनी,संस्कृति का नामवर गान ।। शब्दों की धाराओं में है ,बहता ही रहे अविरल ज्ञान। हिंदी संस्कृत की बेटी, विश्व साहित्य में है महान।। सरल औ सहज भाषा में दें,अपनी चहुंओर अभिव्यक्ति। भावों को सब [...]
करवा चौथ सजन मोरी सितारों से जड़ी है लाली चुनरियाँ। सजन मोरी चम- चम चमके है लाली चुनरियाँ। प्रेम के रंग से रंगी हुई है यह मनभावन लाल चुनरियाँ । ज्यों ज्यों जीवन बीत रहा है और भी चमके मोरी चुनरियाँ। सप्तपदी और सात वचन ले तुझसे जीवन डोर बँधाई [...]
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शरद पूर्णिमा आज के दिन चंद्रमा पूर 16 कलाओं से परिपूर्ण रहते हैं | आज की विशेषता ये है कि रात्रि 12 बजे अमृत वर्षा होती है | खीर बनाई जाती है बाहर रखते हैं अमृत के लिये | शरद पूर्णिमा को महिलाऐं व्रत रखती हैं लड्डू या पेड़े देकर [...]
भजन ओ जगदंबे मैया…. ओ जगदंबे मैया! ओ दुर्गे भवानी! हे शिव पटरानी! झट से तू आजा, सारे पाप मिटाजा, हम से दूरी का क्या वास्ता है? बोल कहाँ नहीं तेरा रास्ता है? तू ज्ञान बन आजा, तू भक्ति बन आजा, तू शक्ति बन आजा, तू साहस बन आजा, तू [...]
नशा नशा मुक्त देश बनाओ हर दिल में ये दीप जलाओ नशा एक अभिशाप है इसको जल्दी दूर भगाओ नशा बहुत जहरीला है उम्र को खा जाता है बर्बाद आसूओ के भंवर में इन्सां जो फंस जाता है मुसीबतों और तक़लीफो की भरमार से जीवन भी दुश्वार है इसीलिए नशा [...]
नारी नए युग का तुम निर्माण करो उठो नारी, ‘नए युग का तुम निर्माण करो’। तुम शक्ति स्वरूपा, तुम स्वयंसिद्धा। अब तुम को ही स्वयं स्नेह रस से, नए युग के भवन की नींव भरनी है। आज तुम्हारे रूप का तेज फिर दमके। नए निर्माण से पहले पुरातन को बदलो। [...]