Search for:
  • Home/
  • Tag: @hindikavita

नशा

नशा नशा मुक्त देश बनाओ हर दिल में ये दीप जलाओ नशा एक अभिशाप है इसको जल्दी दूर भगाओ नशा बहुत जहरीला है उम्र को खा जाता है बर्बाद आसूओ के भंवर में इन्सां जो फंस जाता है मुसीबतों और तक़लीफो की भरमार से जीवन भी दुश्वार है इसीलिए नशा [...]

नारी नए युग का तुम निर्माण करो

नारी नए युग का तुम निर्माण करो उठो नारी, ‘नए युग का तुम निर्माण करो’। तुम शक्ति स्वरूपा, तुम स्वयंसिद्धा। अब तुम को ही स्वयं स्नेह रस से, नए युग के भवन की नींव भरनी है। आज तुम्हारे रूप का तेज फिर दमके। नए निर्माण से पहले पुरातन को बदलो। [...]

सबको प्यारी हिंदी भाषा

सबको प्यारी हिंदी भाषा बाँध रखा है जिसने सबको, अपनेपन की डोर से | सबको अपनाए ,रहे दूर वह, भेदभाव के शोर से | जाति-धर्म हो कोई किसी का , माने सबको वह अपना | दिल की बात पहुँचे मन तक, परस्पर प्रेम बढ़े, इसका सपना | अनपढ़- ज्ञानी सब [...]

हिन्दी पहचान हमारी है

हिन्दी पहचान हमारी है भारत माँ भाल की बिन्दी ,अभिमान हमारी है भारत देश का गौरव ,हिन्दी पहचान हमारी है संस्कृत भाषा से जन्मी लगती हमको प्यारी है हर भाषाओं से रूचिकर लगती सबसे न्यारी है हिन्दी से उत्थान देश का इससे शान हमारी है भारत देश का गौरव हिन्दी [...]

भक्ति आंदोलन में हिन्दी भाषा

भक्ति आंदोलन में हिन्दी भाषा साहित्य जगत का मध्यकाल जो भक्ति काल कहलाता है, भक्ति आन्दोलन में हिन्दी भाषा विकसित खूब हुई फली फूली है। भारत के तत्कालीन भक्त कवियों ने, अपनी लिखनी को जन-जन तक हिंदी भाषा के सहारे पहुंचाया है, हिंदी ने भक्तिकाल में गौरव पाया है। भक्तिकाल [...]

वही हिंदी लाया हूँ

वही हिंदी लाया हूँ ————————— वही हिंदी लाया हूंँ, जो वर्षों मेरे साथ रही, मैं जहांँ भी चला चली वहीं, मैं जहांँ पे ठहरा थी ठहरी। वही हिंदी लाया हूँ, जो वर्षों मेरे साथ रही। जिसकी उंँगुली पकड़ के मैंने, नित बढ़ना सीखा है, जिसके ही द्वारा अपने, शब्दों को [...]

हिन्दी की अनिवार्यता

हिन्दी की अनिवार्यता बहुभाषी है हिंदी जिसको , हमको आगे करना है । राष्ट्रभाषा हो हिंदी अपना, मिलकर सबको कहना है ।। हिंदी वार्तालाप ना हुआ, समझ नहीं हम पाते हैं । अपने ओछेपन का कोई , अन्य लाभ उठाते हैं ।। अदालत में जाकर हम सब, ठगा हुआ सा [...]

एक आदर्श अध्यापक के आदर्श विचार

एक आदर्श अध्यापक के आदर्श विचार एक पचास वर्षीय प्रतिष्ठित शिक्षक अपने ८५ उम्र पा चुके पूर्व शिक्षक के बारे में ज्ञात होते ही, बिना विलम्ब किये, उनसे पाँव-धोक करने के साथ-साथ कृतज्ञता ज्ञापित करने पहुँचे। लेकिन उसको वो शिक्षक महोदय पहचान ही नहीं पाये। फिर भी उसे प्यार से [...]

माथे की बिंदी हिंदी

माथे की बिंदी हिंदी भारत माता के माथे की बिंदी हिंदी होती हैl भाषा के विकास से देश की संस्कृति जिन्दी होती है ll चौदह अगस्त उन्नीस सौ उनचास को हिंदी राजभाषा बनी l अपने ही घर में हिंदी रहने लगी सदा अनमनी ll हमसब हिंदी बोलने में सदा संकोच [...]

माँ की ममता

:: माँ की ममता :: यह प्यार, तुझी से शुरू हुआ, और खत्म, तुझी पर होना है । तू मेरा, हीरा-मोती है, तू मेरा, चाँदी-सोना है ।।0।। तुम मुझसे ही जुड़ चुके हो अब, उस दिन जब ये एहसास हुआ । मन ही मन, मैंने खुश होकर, हर दर पर [...]