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भजन

भजन

ओ जगदंबे मैया….

ओ जगदंबे मैया!
ओ दुर्गे भवानी!
हे शिव पटरानी!
झट से तू आजा,
सारे पाप मिटाजा,
हम से दूरी का
क्या वास्ता है?
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

तू ज्ञान बन आजा,
तू भक्ति बन आजा,
तू शक्ति बन आजा,
तू साहस बन आजा,
तू शौर्य बन आजा,
मेरे दिल से तेरा
ही तो वास्ता है;
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

तू लक्ष्मी बन आजा,
तू रिद्धि बन आजा,
तू सिद्धि बन आजा,
एकरूपता से तेरा
क्या वास्ता है?
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

तू काव्य बन आजा,
तू गद्य बन आजा,
तू चम्पू बन आजा,
तू छन्द बन आजा,
अलंकृति बन आजा,
वाङमय से गहरा
तेरा वास्ता है।
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

तू तृप्ति बन आजा,
तू पुष्टि बन आजा,
विश्रान्ति से तेरा
क्या वास्ता है?
तेरी संतति से
बढ़ तेरा
किससे वास्ता है?
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

तू वरदान बन आजा,
तू निज रूप दिखाजा,
सायुज्य सुख लुटा जा,
कृपणता से तेरा
क्या वास्ता है?
दूरियों से तेरा
क्या वास्ता है?
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

महाशक्ति तू है,
अखिल व्यक्ति तू है,
सर्वव्यापी तू है,
दृश्यमान से बढ़कर
न जाने क्या- क्या तू है,
मिलन की राह चढ़ा जा,
देरी का क्या वास्ता है?
बोल कहाँ नहीं
तेरा रास्ता है?

रास्ता है,
रास्ता है!
रास्ता है!!

अक्षयलता शर्मा

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