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अहंकार

अहंकार

अहंकार का विलय जगत
में जीवन का आधार है

हार जीत के फेरों में ना पड़ो
इस दुनिया के झमेलों में

अहंकार विचारों की टकराहट है
इसलिए हर शख्स में घबराहट है

टकराहट तो अनादि से व्याप्त है
इसी झंझावात से इतिहास है

जीवन पर्यंत इस हार को जीत में
बदलने की सबके मन में आस है

बस यही से शुरूआत है
जीवन पतन भावनाओं का

जन्मांतर की विद्रोही प्रवृत्ति ने
युद्ध की विभीषता को झेला है

दूर न जाओ देखें इसने कितने
सभ्य परिवारों को तोड़ा है

संभालना तो मन को संभालो
मन को ही जीत हो आत्मकेंद्रित

बाहर के झमेले यूं ही चलते रहेंगे
हार जीत का फैसला होता रहेगा

समय वो है जब अपनी आत्मा
समाहित कर सको परमात्मा में

स्वयं के अहंकार का विलय ही
सर्वत्र जीत की बुनियाद है

डाॅ सरिता अग्निहोत्री सजल
मंडला मध्य प्रदेश

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