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डॉ राकेश सक्सेना ने कि कृष्ण कान्त मिश्र की दिव्यांजलि का विमोचन

डॉ राकेश सक्सेना ने कि कृष्ण कान्त मिश्र की दिव्यांजलि का विमोचन

दिल्ली/आजमगढ़: राजधानी के बुद्ध विहार, यमुना विहार दिल्ली में साहित्य उपवन रचनाकार मंच के तत्वावधान में पुस्तक दिव्यांजलि का विमोचन अंतरराष्ट्रीय कवि, साहित्यकार डॉ. राकेश सक्सेना जी के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुई। इस अवसर पर बोलते हुए डा. सक्सेना ने कहा इस पुस्तक में भारतीय संस्कृति, भारतीय सभ्यता और संस्कारों का निर्मल दर्पण दिखाई पड़ता है। कुछ कविताओं में ह्रदय से हृदय का संवाद है। और कुछ रचनाएं ऐसी प्रतीत होती है जैसे किसी फकीर के माथे पर लगा अबीर और चंदन हो। विमोचित पुस्तक आजमगढ़ उ०प्र० के मूल निवासी कृष्ण कान्त मिश्र के द्वारा लिखी गयी है। जो कि अमेजन पर भी उपलब्ध है। कार्यक्रम साहित्य उपवन रचनाकार मंच के संस्थापक, अध्यक्ष कुमार रोहित रोज के सौजन्य से डॉ भीमराव आंबेडकर के 134 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सम्पन्न हुआ। जिसमें देश के कई राज्यों से आये कवि कवयित्रियों ने शिरकत की। और अपने काव्यपाठ से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। कार्यक्रम में लगभग 40 कवि कवयित्रियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से शुरु होकर देर रात 8 बजे तक चला। पुस्तक दिव्यांजलि के लेखक कृष्ण कान्त मिश्र ने कहा- ना तो मैं कवि हूँ, ना ही कोई लेखक, बस अपने मनोभाव को शब्दों में पिरोने की कोशिश करता हूँ। और साथ ही साथ इस पुस्तक का श्रेय डॉ. ओउम प्रकाश मिश्र मधुब्रत, डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय व अपने माता -पिता को दिया। इसके बाद कुमार रोहित रोज, आर डी गौतम, सुधा बसोर, संगीता मिश्रा, डॉ सुनीता सक्सेना विमोचनकर्ता डॉ. राकेश सक्सेना के साथ उपस्थित सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।

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