स्वामी विवेकानंद जी के जयंती
स्वामी विवेकानंद जी को कोटि कोटि नमन ,
लिये थे जो, वो पुण्यात्मा धरा पर अवतरण।
12जनवरी का वो ऐतिहासिक दिन था,
माता भुवनेश्वरी पिता विश्वनाथ के घर जन्म हुआ था।
वो बालक कुशाग्र बुद्धि और विलक्षण प्रतिभा के धनी थे,
नरेंद्र नाम उनका बचपन से ही ज्ञानी थे।
नरेंद्र नाम उनका पड़ा था बालपन मे,
स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रसिद्ध हुए जन जन मे।
रामकृष्ण जी के वे शिष्य थे परम,
भारतीय संस्कृति और वेदांत ही था उनका धर्म ।
विश्व धर्म सम्मेलन मे प्रतिनिधित्व किये वो हिन्दुस्तान का,
शून्य पर भाषण दे सम्मान बढाया हिन्दुस्तान का।
पहले ही संबोधन मे भाइयों-बहनों का जिक्र किया,
पलभर मे ही समस्त जनों का मन मोह लिया।
नरेंद्र नाम से विवेकानंद नाम मे बदलाव हुआ,
विवेकानंद यानि बुद्धि और आनंद का समभाव मिला।
एक सशक्त नारा समस्त युवा ओ को वो दे गया,
उठो, जागो और आगे बढीं तब तक, जबतक तुम्हें लक्ष्य न मिल गया।
आज उनके जयंती पर याद कर रहे हैं समस्त जन,
समस्त देशवासी श्रद्धासुमन चढ़ा कर रहे हैं नमन।
कहते है एक बात चुन्नू कवि,
स्वामी विवेकानंद जी के नारे को माने युवा सभी।
*चुन्नू साहा पाकूड़ झारखण्ड*