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महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम, ठेकमा में खुलेगा “दीदी प्रेरणा बाजार”

महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम, ठेकमा में खुलेगा “दीदी प्रेरणा बाजार”

आजमगढ़ जिले के विकास खण्ड ठेकमा में महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक अभूतपूर्व पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत ठेकमा मुड़हर रोड पर स्थित प्रगति प्रेरणा महिला संकुल स्तरीय संघ के विस्तृत प्रांगण में “दीदी प्रेरणा बाजार” की स्थापना की जा रही है। इस बाजार में 25 समूह दीदियों को 12×14 फुट आकार की दुकानें स्थापित करने के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे अपने छोटे-छोटे उद्यम शुरू कर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। इस परियोजना की शुरुआत ब्लॉक मिशन प्रबंधक डॉ. अभिषेक कुमार के स्वैच्छिक और नवाचारी प्रयासों से हुई है, जिन्होंने इस अनूठे विचार को मूर्त रूप देने के लिए अथक मेहनत की।

पहले यह स्थान एक खंडहर के रूप में उपेक्षित पड़ा था, जहां न तो कोई सुविधा थी और न ही उपयोग की संभावना दिखती थी। लेकिन डॉ. अभिषेक कुमार की दूरदर्शिता और समर्पण ने इसे एक नई पहचान दी। सहायक कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा महिप पाण्डेय के सहयोग से इस स्थान पर मिट्टी भराई और समतलीकरण का कार्य कराया गया, जिससे यह दुकानों के लिए उपयुक्त बन सका। दुकानों के आवंटन के लिए “पहले आओ, पहले पाओ” की नीति अपनाई गई है, ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। अब तक 11 दुकानों का पंजीकरण हो चुका है, और बाकी के लिए भी दीदियों में उत्साह देखा जा रहा है।

“दीदी प्रेरणा बाजार” की स्थापना न केवल आजमगढ़ जिले, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक अनूठा प्रयोग है। यह बाजार महिलाओं द्वारा संचालित होने वाला पहला संगठित बाजार होगा, जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। लोग इसे एक प्रेरणादायक कदम मान रहे हैं, जो ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता की राह दिखा रहा है। इससे पहले ठेकमा स्वास्थ्य केंद्र पर संचालित “दीदी प्रेरणा कैंटीन” ने भी अपनी सफलता से सबका ध्यान खींचा था। यह कैंटीन पूरे उत्तर प्रदेश में एक मॉडल प्रेरणा कैंटीन के रूप में उभरी थी, जिसने समूह दीदियों की मेहनत और लगन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

दीदी प्रेरणा बाजार का उद्देश्य केवल दुकानें स्थापित करना ही नहीं है, बल्कि इसके जरिए समूह दीदियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे अपने उत्पादों को बेच सकें, आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। यह परियोजना सरकार की “समूह से समृद्धि की ओर” परिकल्पना को साकार करने का एक जीवंत उदाहरण है। इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को उद्योग और व्यापार से जोड़कर उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बाजार के शुरू होने से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि यह अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।

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