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ग़ज़ल

ग़ज़ल मरने वाले को पता है ज़िंदगी क्या चीज़ है साथ सबका छूटने की बेहिसी क्या चीज़ है// रात अँधेरी अगर हो पूछिए फिर चाँद से साथ होकर भी दिखे ना चाँदनी क्या चीज़ है// प्यार सच्चा जो करें वो जिस्म को छूते नहीं जानते हैं रूह की पाक़ीज़गी क्या [...]

गीत

गीत युगों युगों सारी दुनियाँ जिसको गाये गीत प्रेम के मैं ऐसे लिख जाऊँगा साँझ ढले तुम देखोगे आकाश में उन तारों के बीच कहीं दिख जाऊँगा मैं सूरज का वंशज हूँ किरणें बिखराता रहता हूँ सबके मन की सुनता हूँ और अपनें मन की सुनाता हूँ प्यार के दो [...]

त्रिकुटा रानी ! आई पाप मिटाने

त्रिकुटा रानी ! आई पाप मिटाने जय हो, जय हो, तेरी त्रिकुटा रानी, है तू ही हम सबकी माँ जोताॅंवाली। रानी समृद्धि व राजा रत्नागर सागर की, तू ही पुत्री, है नाम तेरा माँ वैष्णवी। जग-कल्याण करने हेतु तू ही बनी, हे माता वैष्णवी से हमारी वैष्णोदेवी। पापी को नहीं [...]

हे राम तुम्हें आना होगा

हे राम तुम्हें आना होगा कलियुग में राह दिखाने को दशरथ संताप मिटाने को मर्यादा, वचन निभाने को सीता की लाज बचाने को हे राम तुम्हें आना होगा! हे राम तुम्हें आना होगा! मंथरा है पनपी घर-घर में कैकई ने घर- घर वास किया ये रक्तबीज से हैं रावण बढ़ते [...]

अधूरी अभिज्ञा

अधूरी अभिज्ञा नियमत: प्रातः टहलन के दरम्यान देखा- रास्ते में एक दिन बच्चों की लम्बी कतारें पीठ पर ढोते वजनदार बैग कुहरते-हांफते रेंगते-लंगराते ज्ञानार्जन की नव पद्धति देख तरस आयी मुझको बेदर्द दुस्साहस मन से पूछा- मैंने एक प्रश्न? उत्तर बिल्कुल ही अनर्गल बालमन के विलोम ! स्मरण आया- अभिमन्यु [...]

बेटियां

बेटियां खुद जलकर भी जग को रोशन कर जाती हैं बेटियां, संसार में कैसे जिए, कभी गर्भ में, सती प्रथा, तो कभी दहेज की आग में जल जाती हैं बेटियां । कुल के दीपक होते हैं बेटे, उस दीपक में रोशनी बनकर उजाला कर जाती है बेटियां। परिवार को आस [...]

मेरी आत्मकथा

मेरी आत्मकथा लघु कथा :- संकल्प शक्ति महाशक्ति राज बचपन से ही होनहार थे । वह ग्यारहवीं कक्षा की पढ़ाई के दिनों की बात है जब उसे पता चला कि उनके माता ही नहीं बल्कि पिताजी भी जीवित है । वह अमीर बाप का बेटा होकर भी अब तक लावारिस [...]

पाती प्रियतम की

पाती प्रियतम की जाओ काले मेघ जाओ प्रियतम के देश, जाकर के कहना मेरा संदेश कहना तुम्हारे बिना जी ना लगे, संग रहूँ सबके पर सूना लगे, सावन महीना लगे जी में ठेस जा करके…… सूनी सी अँखियों में भाये ना कजरा, ना होंठों में लाली, ना बालों में गजरा [...]

रानी दुर्गावती

रानी दुर्गावती चंदेल वंश की बेटी वह, गोंडवाने की महारानी थी l काट – काट मुगलों को उसने, सच्ची लिखी कहानी थी ll रानी दुर्गा वती ने रण में, भीषण लड़ी लड़ाई थी l दोनों हाथों में तलवारें ले, वह चंडी बनकर आयी थी ll पंद्रह सौ चौबीस में जन्मी [...]

बेटी हूँ तुम्हारी

बेटी हूँ तुम्हारी माँ मै तुम्हारी बेटी हूं अंग हूं तुम्हारे शरीर का खून से सीचा तुमने मुझे कहो बाबा से प्यार करे पेट में मत मारे मुझे। अंदर से सब सुनती हूं मैं सृष्टि का विस्तार हूं मैं आपके आँगन का फूल देवी का रूप हुं मै पेट में [...]