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तो हम विश्व गुरु कैसे बन पाएँगे

तो हम विश्व गुरु कैसे बन पाएँगे तो हम विश्व गुरु कैसे बन पाएँगे, अच्छा विद्यार्थी बन पाना मुश्किल, अच्छा शिक्षक बन पाना मुश्किल, जब अच्छे इंसान नहीं बन पायेंगे, तो हम विश्व गुरु कैसे बन पाएँगे। भूखों की भूख मिटा पाना मुश्किल, प्यासों की प्यास बुझा पाना मुश्किल गरीब [...]

एक पत्र हिंदी के नाम

एक पत्र हिंदी के नाम मेरी प्यारी हिन्दी, अंग्रेजी – उर्दू में सजकर, तू आधुनिक हो गई, सोचती हूं आज मैं, पहचान तेरी क्या खो दी ! बचपन की वो कहानियाँ, किताबों की वो दुनिया, बूझते थे जो पहेलियां, मुहावरे वो सुहावने, सब कहां लुप्त हो गई ! आज बच्चे [...]

गीत

गीत प्रफुल्ल ज्ञानरूपिणी, प्रवीण मातु शारदे। विधायिनी सुवादिनी, सरस्वती उबार दे।। निरंजना प्रभामयी, महाश्रया सुवासिनी। सुपूजितां महाभुजा, मनोरमा सुभाषिनी।। करें प्रणाम श्रीप्रदा, प्रबुद्ध भारती सदा। उतारते प्रियंवदा, सुजान आरती सदा।। सुबोध माँ प्रशासनी, सुभक्ति माँ अपार दे। अकूत शास्त्ररूपिणी, करो कृपा महाफला। अनंत प्रेम दायिनी, सुहासिनी महाबला।। नमो दयालु शारदे, [...]

मामा जी की यादों में

मामा जी की यादों में आप नहीं रहे इस जग में मामा जी, *किंतु* आपकी कमी दिन-रात खलती है। जब कभी मैं बीती बातों को दोहराता हूंँ, तो मेरी आंँखें-भर आती *हैं* मामा जी। पर *नियती* को कौन रोक सकता है भला, जब कभी अररिया की चर्चा होती है तो, [...]

वक्त का मान, वक्त का सम्मान

वक्त का मान, वक्त का सम्मान मानव जीवन में मित्र हमेशा मिलते और बिछुड़ते रहते हैं, वैसे ही वक्त सदा इस जीवन में, उतार चढ़ाव ले बदलते रहते हैं। वे अति भाग्यवान होते हैं जिनके मित्र जीवन भर नहीं बदलते हैं, वे सौभाग्यशील बड़े होते हैं, जिनके वक्त एक से [...]

नारी शिक्षा

नारी शिक्षा अगर खोल देखें कि इतिहास में क्या, बेबस व लाचार ही थी वो नारी । चाहे गरीबी हो या हो अमीरी अनपढ़ रहेगी न अब कोई नारी ।। पढ़ना उन्हें है अपनों के लिए , सपनों को पूरा करने के लिए । पीढ़ियों को संस्कार देने के लिए [...]

ग़ज़ल देते तो अच्छा था

ग़ज़ल देते तो अच्छा था ख़ता जो भी हुई हमसे बता देते तो अच्छा था चलो दो बात कड़वी कह रुला देते तो अच्छा था// जहाँ भर में ढिंढोरा पीट कर बदनाम कर डाला न गलती को हमारी यूँ हवा देते तो अच्छा था// भरा गुब्बार जो मन में शिकायत [...]

धर्म

धर्म धर्म की सार्वभौमिक परिभाषा है, धारयते इति धर्मः,जिसे धारण किया जाय, वह धर्म। यह धर्म शब्द मूलरूप से “धृ” धातु से लिया गया है और उसका “म” से संयोजन करके कह दिया, धर्म। “धृ” का मुख्य अर्थ है, धारण करना। मूलरूप से जीवनी अस्तित्व का आधार धर्म है। ऐसे [...]

अहंकार

अहंकार अहंकार का विलय जगत में जीवन का आधार है हार जीत के फेरों में ना पड़ो इस दुनिया के झमेलों में अहंकार विचारों की टकराहट है इसलिए हर शख्स में घबराहट है टकराहट तो अनादि से व्याप्त है इसी झंझावात से इतिहास है जीवन पर्यंत इस हार को जीत [...]

पवन झकोरे

पवन झकोरे पवन झकोरे घूँघट चूमे, अंग-अंग पुलकित हो जाए। सौंधी गंध लिए आ जाओ, जीवन ये सुरभित हो जाए।। नैन तुम्हारे मधुशाला से , प्रेम सुधा ये छलकाते हैं। कामदेव सी सूरत मनहर, बाँकी चितवन ये भाते हैं । आलिंगन में भर लो मुझको, मन मेरा हर्षित हो जाए [...]