भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर संगोष्ठी एवं बुद्धि जीवी सम्मेलन
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर संगोष्ठी एवं बुद्धि जीवी सम्मेलन
कायमगंज….. साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य भारती द्वारा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर कृष्णा प्रेस परिसर सदवाडा कायमगंज में आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश तथा संचालन डॉक्टर कृष्णकांत अक्षर ने किया इस अवसर पर गीतकार पवन बाथम ने वाणी वंदना प्रस्तुत की
मात मेरी दे ऐसा वरदान ।पढ़ लिख कर मजदूरों के बेटे भी बने महान ।।इन्होंने अटल जी के साथ कई मंच साझा किये और अपने संस्मरण सुनाए। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षा एवं उपन्यासकार भारतीय मिश्रा ने अटल जी की कालजई रचनाओं का वाचन किया
आज सिंधु में ज्वार उठा है ।नगपति फिर ललकार उठा है ।
कुरुक्षेत्र के कण कण से फिर पांच्यजन्य हुंकार उठा है। गोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ प्रभात अवस्थी एडवोकेट ने कहा कि अटल जी भारतीय राजनीति के ध्रुव तारा थे वह सही मानै में अजातशत्रु थे। प्रोफेसर रामबाबू मिश्रा रत्नेश ने कहा कि अटल जी साहित्य का सौरव लेकर राजनीति में आए उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा अटल जी यदि पाकिस्तान से चुनाव लड़ें तो निश्चित जीत जाएंगे। प्रोफेसर कुलदीप आर्य ,प्रधानाचार्य शिवाकांत शुक्ला, डॉक्टर सुनीत सिद्धार्थ ने कहा कि महापुरुषों की जाति, धर्म भाषा और क्षेत्र के दायरे में बांधना राष्ट्रीय अपराध है ।पूर्व सैनिक प्रेम सागर चौहान एवं पूर्व प्रधानाचार्य अहिबरन सिंह गौर ने कहा कि अटल जी जैसा लोकप्रिय व्यक्तित्व और सर्वमान्य साहित्यकार और कहीं नहीं मिलता। डॉक्टर कृष्णकांत अक्षय ने कहा
जब बोलते अटल तो चलता हुआ पवन रूकता था ।छोड़ विरोध विरोधी भी उनके सम्मुख झुकता था। डॉ पी डी शुक्ला ने कहा
यह कैसा माहौल की जिसमें पागल करते शोर कैसी राजनीति है जिसकी गति का ओर न छोर।।
अनुपम मिश्रा ने कहा विश्व मंच पर राष्ट्र भाव की कर तैयारी राष्ट्र संघ में हिंदी बोले अटल बिहारी ।
गोष्ठी में वीएस तिवारी ,संत गोपाल पाठक ,मनीष गौड़ आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की अटल जी पोखरण परीक्षण ,नदी जोड़ो परियोजना ,स्वर्ण चतुर्भुज सड़क योजना आदि के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
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