Search for:
  • Home/
  • Tag: @हिंदीकविता

वीर रानी दुर्गावती

वीर रानी दुर्गावती मातृ भूमि हित मर मिटी, गोड़वाना की रानी थी। मान सम्मान हित लिखी, खून से सनी कहानी थी।। कीर्तिराय की बेटी, दलपत शाह की रानी थी। प्रजा की रानी प्यारी, प्रियम्बा दुर्गा भवानी थी।। दलपत स्वर्ग सिधारे, विधवा हुई तब रानी थी। वीर पुत्र को गद्दी दे, [...]

वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर .. विशेष

वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर .. विशेष “मातृ भूमि के लिए मर मिटी, वो अलबेली निराली थी। रानी दुर्गावती नाम था बड़ी वो बलशाली थी। कीर्ति सिंग राजा की पुत्री, दलपत शाह से ब्याही थी, लिया हाथ में प्रशासन जब , दलपत बिन फैली तबाही थी। गढ़ मंडला [...]

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसम आया। सकल विश्व हर्षाया। योग हैं भारत संस्कृति की धरोहर, योग करता तन,मन,आत्म-शक्ति समन्वय। योग हैं एक मानस शास्त्र, योग हैं विज्ञान, योग मन को करता संयमित। योग रोगी को बनाता निरोगी। योग करने ब्रह्म मुहूर्त में उठो। दैनिक नित्यक्रम निवृत हो। सर्वप्रथम स्टरेचिंग [...]

हिंदी में ही बात कहूँगा

हिंदी में ही बात कहूँगा हिंदी में ही बात कहूँगा हिंद का मैं हूँ निवासी अपने ही घर में हुई जो आप्रवासी नाज है उस पर उसी को मैं गहूँगा । हिंदी में ही बात कहूँगा । थोड़ा सा जो पढ़ जाते हैं चंद सीढियाँ चढ़ जाते हैं वो हिंदी [...]

पापा!आप के जैसा इस दुनियाँ में दूजा और कोई नहीं….

पापा!आप के जैसा इस दुनियाँ में दूजा और कोई नहीं…. मेरे प्यारे पापा! आप परिवार की खातिर सदैव संघर्ष करते रहे है। आप से हमने बहुत कुछ सीखा व जाना है। सच बताऊं तो पापा आप ही हमारे असली सुपर स्टार है। आप हो तो हम है और जीवन में [...]

योग रखे निरोग

योग रखे निरोग भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय योग पद्धति को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए 27 सितंबर 2014 में विश्व के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल की। जिसके बाद 21 जून 2015 को पहली बार 170 से अधिक देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने [...]

आज का भारत आज की नारी (आलेख)

आज का भारत आज की नारी (आलेख) कर्मठ अधिनायक जनहित कर्म करे, वही देश उन्नति पथ पर रहे नित अग्रसरे। नर नारी कर्तव्य निष्ठ शीलवान जहाँ, साक्षात देव नारायण विराजते वहाँ। उक्त चार पंक्तियों में खुशहाली एवं प्रगति का सार निहित है। प्राचीन काल में विश्व गुरु पदवी से विभूषित [...]

कविता

कविता इसलिए अच्छा है आम बात है – जो दिखता है, सो बिकता है। बात वस्तु तक तो ठीक है, पर व्यक्ति के लिए बिलकुल बेठीक। इसलिए, खास बात है – जो बिकता है, वह बचता नहीं है। सच में तब वह, वही नहीं रहता, जो वह रहता है, क्योंकि [...]

विश्व पर्यावरण दिवस पर साहित्यिक विमर्श व आभासी काव्यगोष्ठी संपन्न

विश्व पर्यावरण दिवस पर साहित्यिक विमर्श व आभासी काव्यगोष्ठी संपन्न कलम के हस्ताक्षर साहित्यिक पटल,जिसका मुख्यालय मेरठ, उत्तर प्रदेश में है द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर साहित्यिक विमर्श व काव्यगोष्ठी का सफल आयोजन आभासी माध्यम से दिनांक ०८-०६-२०२४ को किया गया। इस आयोजन में देश के विभिन्न प्रांतों व विदेशों(कैलीफोर्निया [...]

“सब अपने कार्य क्षेत्र में श्रेष्ठ “

“सब अपने कार्य क्षेत्र में श्रेष्ठ “ धर्मपुर गांव में दीना नाम का एक किसान रहता था। वह कृषि के कामकाज में अभ्यस्त तो था ही साथ – साथ पेड़ – पौधे लगाने का भी शौकीन था। वह कहता था – वह गांव ही क्या जहां हरियाली ना हो , [...]