जनता तो अब भी कहती है, नेता हो तो अटल बिहारी…
जनता तो अब भी कहती है, नेता हो तो अटल बिहारी…
नरसिंहपुर..भारत रत्न कवि स्व.अटल बिहारी वाजपेई के शताब्दी जन्मोत्सव पर त्रिपाठी परिसर धनारे कालोनी नरसिंहपुर में “अटल जी के नाम कविता का पैगाम”कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डा.अनंत दुबे ने प्रतिमा का पूजन अर्चन करते हुए अटल जी के सानिध्य सहित उनके साहित्यक व राजनैतिक पक्ष पर बात रखते हुए उनके अद्वितीय योगदानो को उभारा।
ओज कवि अशोक त्रिपाठी ने अटल जी पर गरिमामय काव्यपाठ यूं किया..
महापुरुष थे वो अवतारी,जो पड़ते थे सब पर भारी,
जनता तो अब भी कहती है,नेता हो तो अटल बिहारी।
गुरुवर त्रिपाठी ने अटलजी की विराटता को यूं उभारा..
वो सबके मानस पटल पर रहेंगे,अटल जी हमेशा अटल ही रहेंगे। हास्य कवि डा.शंकर सहर्ष ने अपना गरिमामय काव्यपाठ यूं किया..जन जन का है मान अटल जी,कण कण का सम्मान अटल जी,खड़ा हिमालय बोल रहा है,भारत की पहचान अटल जी।कवि प्रशांत शर्मा सरल ने कविता के स्वर यूं दिये..अटल है भैया अटल रहेगा,नेता अटल महान रे। कविवर हरिओम शर्मा ने संकल्पों को साकार करने के भाव अपनी कविता में दिये..माना लक्ष्य कठिन है मुमकिन नहीं,श्रम शक्ति से संकल्प को साकार कर।कवि कुंजबिहारी यादव ने अटल जी को यूं याद किया.. उच्च रखे प्रतिमान राष्ट्र सेवा रत पथपर,राज धर्म हित लिया निभाया किया जो वादा। डा.महेश त्रिपाठी ने “देश की पहचान अटल हैं “कविता से अटल जी को याद किया ।काव्य पाठ के इस क्रम पं.सी बी शर्मा विजय शर्मा ने भी अपना भावमयी कविता पाठ किया।
वरिष्ठ जनो में गुरुवर डी डी गोस्वामी प्रो.श्रीमती पुष्पलता चौबे डा.केदार गुप्ता बी एस पटेल अशोक वर्मा और वरिष्ठ जन परिषद अध्यक्ष गणेश कुमार चतुर्वेदी ने स्व.बाजपेई जी के रोचक संस्मरण प्रस्तुत करते हुए आयोजित शानदार आयोजन की सराहना की। कवि सम्मेलन का रोचक सरस संचालन कविवर अशोक त्रिपाठी ने किया