विनम्र श्रद्धांजलि
विनम्र श्रद्धांजलि
“ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।”
विख्यात साहित्यकार,
केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष आदरणीय डा. कमल किशोर गोयनका जी के निधन का दुःखद समाचार मन को विचलित कर गया।
मुंशी प्रेमचंद जी के साहित्य के उत्कृष्ट विद्वान्, हिन्दी के लिए समर्पित डॉ गोयनका जी से हमारा परिचय अनेक वर्ष पूर्व अशोक विहार ब्रांच में पदस्थापन के काल में हुआ था।
प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा के राजघाट आयोजन के समय उन्हें आमंत्रित करने गए तो आशीर्वाद देकर बोले, अस्वस्थता के कारण आ नहीं पायेंगे।
फिर 2023 में हिंदी दिवस के आयोजन के अवसर पर भी यही स्थिति थी।
इस अवसर प्रकाशित, सभा की ऐतिहासिक स्मारिका प्रवर्तना के लिए अपना शुभकामना संदेश देते हुए बोले, भाई अगर कोई विवशता नहीं हो तो जीवन पर्यंत हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रोत्साहन के लिए कार्य करते रहना।
डॉ साहब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदी को लेकर किए जा रहे कार्य के प्रति पूरी तरह से सचेत थे तथा प्रोत्साहन करने वाले सहृदय व्यक्तित्व थे।
कई बार फोन पर भी उनसे मार्गदर्शन लिया।
ईश्वर के विधान हैं, पर उनका जाना हिन्दी भाषा साहित्य की बड़ी क्षति है।
प्रभु से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः