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देश की आन मेरा तिरंगा

देश की आन मेरा तिरंगा देश की आन तिरंगा, वतन की शान तिरंगा, इसके खातिर वीरों ने दिया बलिदान जीवन का…. भारत गणराज्य का प्रतीक तिरंगा तीन रंगों में लहराता तिरंगा, इसको हमने अपनाया था, वो साल शुभ बड़ा था…. 1947 की वो चमक निराली थी, संविधान सभा में बैठे [...]

गुरु आपकी हो कृपा यदि

गुरु आपकी हो कृपा यदि गुरु आपकी हो कृपा यदि, हम राह नित शुभ ही चलें। उर में सदा शुचि भावना, हर जीव के निमित्त पलें।। हो ज्ञान के भंडार तुम, समकक्षी हैं शिष्य सभी। रखते सभी पर नेह सम, गुरु नाम है पावन तभी।। अनुकरणीय पथ आपका, हम आप [...]

गुरु पूर्णिमा 

गुरु पूर्णिमा  गुरुरब्रह्म गुरुरविष्णु, गुरुरदेवो महेश्वराय ग़ुरूर साक्षात परबब्रमहा तस्मै श्री गुरूवे नमः गुरु है माता पिता गुरु है गुरु है बंधु सखा गुरु है गुरु हमारा कल आज कल है इनसे सभी का जीवन सफल है गुरु से पहले ना कोई आया ना इनकी जगह कोई ले पाया गुरु [...]

मन को प्रबोध

मन को प्रबोध अरे मन गुरु चरणों में ध्यान धरो, व्यक्ति नहीं गुरु शक्ति होत हैं,ऐसो भाव भरो, मातु पिता शिक्षक गुरु होते, इनके सदृश जो होते, ज्ञान-विज्ञान बतायें रीति-नीति जीवन की सिखायें, सभी पूज्य गुरुजन होते हैं। इनको नमन करो गुरु चरणन सब तीर्थ बसत हैं, अजस्र प्रेम रसधार [...]

गुरु जी

गुरु जी मेरी हिंदी के प्रेरक है आप मेरे परिश्रम में श्रम है आप मेरे मन का आनंद वचन है आप। मेरे प्रश्न का उत्तर है आप। मेरे मार्ग में धर्म बोध है आप। मेरी रचना का भाव है आप। मेरे कार्य का आचरण है आप। मेरे सृजन के सहभागी [...]

गुरु को नमन

गुरु को नमन नमन मेरा सबसे प्रथम प्रभु को, जग में जीवन प्राण दिया गुरु मेरे वही दाता मेरे वही। हर पल हर सांस देकर , सुख – दुःख में हाथ थामे, पल – पल मुझे कृतार्थ किया । जग में जब आंखें खोली, प्रथम रुदन था मेरा , कोमल [...]

ऐसी तुम मशाल बनो

ऐसी तुम मशाल बनो दुश्मनों का काल बनो, दोस्तों की ढ़ाल बनो । दूर हों अंधेरे जग के, ऐसी तुम मशाल बनो ।। आंधियां उठें जहां, कदम नहीं रुकें वहां । मुड़के देखना नहीं है, तुम पहुंच गए कहां ।। यूँ नदी की चाल बनो, स्वर के साथ ताल बनो [...]

कविता

कविता हे प्रभु आप आओ मेरे द्वार, निर्मल प्रेम ज्योति जला रखा दरबार| दया का हाथ रखना करना भव से पार, दुनिया के सजीव अंशो के आप हो रखवार|| सारी सृष्टि आपकी मुट्ठी में हकदार, हिला सकते हो पल भर में सारा संसार| मिट्टी के पुतले आप हो प्रभु के [...]

सीता कहे दर्द

सीता कहे दर्द बड़ी दर्द भरी मेरी कहानी। अँखियो में ला दे सबकी पानी।। जिनके लिए धरा पर थी आई। उन्हीं के द्वारा गई सताई।। वन को गई थी मैं प्रभु जी संग। रंग कर प्रभु की प्रीति-भक्ति रंग।। सृष्टि हितार्थ अग्नि में समाई। मेरी छाया मेरा पद पाई।। दुष्ट [...]

देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता/ हिन्दी भाषा का इतिहास

देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता/ हिन्दी भाषा का इतिहास “देवनागरी लिपि का कोई जवाब नहीं यह लिपि जितनी मधुर है उतनी ही सरल और सहज” भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत की लिपि को देवनागरी लिपि कहा जाता है। लिपि का प्रयोग वैदिक युग के पूर्व से ही होता आ रहा है। [...]