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कीमती सूट (लघुकथा)

कीमती सूट (लघुकथा) ओमशंकर अपनी बेटी गौरी को सूट दिलाने के लिए रेडीमेड गारमेन्ट्स की एक बड़ी दुकान पर आया था। गौरी उसकी इकलौती बेटी थी। वह कक्षा ग्यारह में पढ़ती थी। ओमशंकर की ससुराल में एक शादी थी जिसमें उसे सपरिवार शामिल होना था। इसलिए ओमशंकर चाहता था कि [...]

गीत

गीत इस दिन के ही लिए तुम्हे क्या पाला पोसा बेटा जी। मम्मी पापा को वृद्धा आश्रम में डाला बेटा जी।। गीले बिस्तर पर सोकर तुमको छाती पर रखती थी। प्यारा नन्हा मुन्ना कह तुमको पुचकारा करती थी।। अपने खाती नही मगर तुमको मैं खाना देती थी। सारा दुख ओ [...]

दोहा

दोहा अंबानी अभिमान में, धर्म कर्म गया भूल। सत्य सनातन धर्म पर ,फेंक रहा है, धूल । आता समय, विपरीत जब, देता मति भ्रमाय। तन तन कर, होता,पतन, ये सद्ग्रंथ बताय। कंश और लंकेश सम,इसको भी अभिमान। ईश्वर के, विपरीत का,जग में नहीं स्थान। गीत देखो ऐसे धन के,धिगानें, लक्ष्मी [...]

ग़ज़ल

ग़ज़ल चमकती धूप में अपने,बदन को हम जलाते हैं। बड़ी मुश्किल से इस मिट्टी को हम सोना बनाते हैं।। लुटा कर जान उल्फत में,मिली थी यार रुसवाई, ज़रा सी बात में अपने,हमी से रूठ जाते हैं ।। फसल उगती नहीं ऐसे,बुआई में पसीने की, कई बूंदे मिलाकर हम,इसे गुलशन बनाते [...]

श्री मार्कण्डेय पुराण की अमर कथा

श्री मार्कण्डेय पुराण की अमर कथा भव के तारक जगत के ताप हरे!!!! ऋद्धि-समृद्धि-सिद्धि से जन को तरे उल्लसित-पुलकित हर जगत बिहरे! श्री मार्कंडेय पुराण की अमर कथा भव के तारक जगत के ताप हरे—— जब-जब देवों के मंडल में आफत पड़े! असुरन के जे वाता मगन विचरे!! जब-जब धर्म [...]

मेरे प्यारे चांदमामा

मेरे प्यारे चांदमामा मामा मामा चाँद मामा चाँदनी तेरी फलकनामा बहुत सुंदर दिखता मामा धरती से दूर रहते हो मामा बच्चों का दुलारा मामा चाँद गोपाल ! सागर मंथन में पैदा हुए हैं। चाँद-लक्ष्मी भाई बहन हैं । माता लक्ष्मी सबकी माता है। इसलिए यह सब का मामा हैं । [...]

(व्यंग्य) हाय! जुलाई

(व्यंग्य) हाय! जुलाई जुलाई, यह कैसी सौगात लाई । विद्यार्थी, माता-पिता की, अब शामत आई ।। लाद दिया बोझा, कापी-किताबों का । हुआ चकनाचूर, महल उनके ख़्वाबों का ।। स्कूल खुलने का, तुमसे गहरा नाता है । गरीबी में आटा, गीला हुआ जाता है ।। करूँ कैसे स्वागत, ना पड़ता [...]

ग़ज़ल

ग़ज़ल दुख अपने, बेचने गया, एक दिन बाजार में । आया ना कोई, बैठा रहा, इंतज़ार में ।। बच्चों के साथ खेला तो, दुख सारे मिट गये । आया है मजा जीतने का, ख़ुद की हार में ।। खुशियां मिलीं जो उस दिन, अनमोल बन गईं । जिनकी नहीं है [...]

कौन किसी का होता है

कौन किसी का होता है ओ जीवन राहें बदल ज़रा, कौन किसी का होता है, विश्वास खोजने निकला हूँ, जब तार-तार दिल होता है। झटके खाते खाते जीवन, सूखी आँखों से रोता है, दिन – रात की आपा धापी में बस उसे रिझाने निकला हूँ। काम, क्रोध, मद, लोभ मिटाकर, [...]

साहित्यिक आयोजन संपन्न

साहित्यिक आयोजन संपन्न लखनऊ – दिनांक 13 जुलाई 2024 उत्तर प्रदेश युवा छंदकऻर मंच व लक्ष्य साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में ओज के सशक्त हस्ताक्षर जनकवि श्सिद्धेश्वर शुक्ल, क्रांति जी के जन्मोत्सव‌ कलमकार दिवस के रूप में मनाया गया जिसमें विशाल कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह [...]