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समय व परिस्थिति बदल सकते हैं

समय व परिस्थिति बदल सकते हैं

अहम् का घमंड चल नहीं सकता,
मृत्यु का वक्त भी टल नहीं सकता,
दौलत चाहे जितनी कमा ली जाये,
पाप का धन कभी फल नहीं सकता।

सत्य व प्रेम का उत्तर अहंकार में
उपहास की भाषा में दिया जाता है,
तो सत्य बोलने वाले और प्रेम करने
वाले का हृदय बहुत आहत होता है।

पर उपहास करने वाले को ख़ुद के
कृत्य से दिल को बहुत चोट लगती है,
अहंकारी व्यक्ति की सत्य समझने,
सत्य मानने की क्षमता खो जाती है। ‎

मनुज बली नहिं होत है,
समय होत बलवान,
भीलन लूटी गोपिका,
वई अर्जुन, वई बान।

समय व परिस्थिति बदल सकते हैं,
कभी किसी को कमजोर न समझें,
आदित्य शक्तिशाली हो सकते हैँ,
पर वक्त ज्यादा शक्तिमान समझें।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ

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