शिव-वंदन
शिव-वंदन ============= बाघंबरी धारण करें,शीश गंग की धार। औघड़दानी,हे त्रिपुरारी,तुम हो जीवनसार।। पशुपति हो तुम,करुणा मूरत,तुम ही दयानिधान। तुम वरदानी,पूरणकामी,हे! मेरे भगवान।। पार्वती ने तुमको पूजा,तुमको तब है पाया। मंगलमयी मिलन तब भूषित,शुभ का मौसम आया।। कार्तिके़य,गजानन आये,बनकर पुत्र तुम्हारे। संतों,देवों ने सुख पाया, भक्त करें जयकारे।। आदिपुरुष तुम,मंगलकारी,तेरा अनुपम [...]