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रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

सावन की शुभ पूर्णिमा,रक्षा बंधन पर्व।
बहना को है भ्रात पे,पूर्ण रूप से गर्व।।

धागों का त्योहार है,सजी नेह की डोर।
करें बहन यह कामना, रहें खुशी चितचोर।।

रक्षाबंधन पर्व है,भ्रात बहन का प्यार।
राखी बाॅंधी हाथ में,बही प्रेम की धार।।

रेशम धागा बांध कर , करे ईश का ध्यान।
सदा सुखी भाई रहे , बढ़े भ्रात की शान।।

तिलक कर रही माथ पे,ले राखी का थाल।
जग में तेरा भ्रात ये,उठे गर्व से भाल ।।

बहना करती आरती,तिलक लगाती माथ।
राखी बाॅंधी भ्रात के,मीठा खाते साथ।।

रंग बिरंगी है छटा ,राखी है अनमोल।
कीमत इसकी प्यार है, पैसे से मत तोल।।

आता ये हर साल है, धागों का त्योहार।
रंग बिरंगी राखियाॅं ,सजे हुए बाजार।।

___डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर,बिहार

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