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(कारगिल विजय पर विशेष) जागते रहना

(कारगिल विजय पर विशेष)
जागते रहना

हिंद की आन तुम्हारे हाथ, गोलियाँ सीमा पर दिन-रात,
ना भूलो, भाई-बहनों के, ख़ून का बहना ।
भरा है दिल में इतना जोश, उड़ाकर हर दुश्मन के होश,
वतन की रखवाली में तुम, जागते रहना ।।

नज़र चौकन्नी जैसे बाज, दहाड़े सिंहों सी आवाज ।
हमेशा भारत का सैनिक, बना है दुनिया का सरताज ।।
लड़ाई जिसने लड़ी अनेक, रहा दस-दस के बराबर एक,
नीयत तुम्हारी हरदम नेक, हिंद का गहना ।
भरा है दिल में इतना जोश, उड़ाकर हर दुश्मन के होश, वतन की रखवाली में तुम, जागते रहना ।।

तू फुर्ती में चीते जैसा, आए ग़र संकट भी कैसा ।
नहीं घबराना तू इनको, हटाता चल, तिनके जैसा ।।
बनो तुम हर दुश्मन का काल, मचा दो धरती पर भूचाल,
कहाने भारत मां का लाल, केसरिया पहना ।
भरा है दिल में इतना जोश, उड़ाकर हर दुश्मन के होश,
वतन की रखवाली में तुम, जागते रहना ।।

बदन में हाथी सी ताकत, भरी है पर्वत सी हिम्मत ।
अग़र तू चाहे तो पल में, बदल दे हम सबकी किस्मत ।।
तुझे भारतमाता की आन, कभी कम न हो इसकी शान,
बढ़ेगा तेरा भी सम्मान, भले दुख सहना ।
भरा है दिल में इतना जोश, उड़ाकर हर दुश्मन के होश,
वतन की रखवाली में तुम, जागते रहना ।।
अमर सिंह वर्मा, जबलपुर ।

1 Comment

  1. सुन्दर और सार्थक संदेश देता हुआ आलेख ।

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