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माँ होने के नाते मैं अक्सर चिंतित रहती थी

अमल ………. माँ होने के नाते मैं अक्सर चिंतित रहती थी कि बेटे को कोई गलत आदत न लग जाए। इस क्रम में अच्छी कहानियाँ, प्रेरक प्रसंग और कविताएँ आदि उसे सुनाती ही रहती थी। बिना कहानी सुने तो वह खा ना खाता ही नहीं था, जिससे मुझे भी मौका [...]

प्रिये नव सम्वत्सर बन आना

प्रिये नव सम्वत्सर बन आना सभी मौसम सभी ऋतुओं को संग ले आना। प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना। सरसों के फूल बन के यादें तेरी आतीं हैं। मुझसे गेहूॅं की बालियों सी लिपट जातीं हैं। अपनी यादों के संग एक बार आ जाना, प्रिये नव संवतसर बन [...]

मोबाइल फोन की गिरफ्त में नौनिहाल

डॉ लाल सिंह किरार सहायक प्राध्यापक, हिंदी शासकीय महाविद्यालय रजोधा पोरसा जिला मुरैना (मध्य प्रदेश) ईमेल आई डी Lalsinghkirar @gmail.com मोबाइल न ९७१३६२८०५०   *मोबाइल फोन की गिरफ्त में नौनिहाल* जिम्मेदार कौन ? वैज्ञानिक चमत्कारों के इस युग में दुनियां में नित नए अविष्कार पर अविष्कार हो रहे हैं जो [...]

नव सृजन की मधुमय मंगल बेला में हम नववर्ष मनाते हैं

नव सृजन की मधुमय मंगल बेला में हम नववर्ष मनाते हैं स्पंदन होता बीजों में, अंकुर बन वे उग आते हैं! उर्वरता धरती से लेकर, वे तरुवर बन जाते हैं!! उनके शीतल छाॅह तले सब,जीव जंतु सुख पाते हैं! अल्हड़पन की मद मस्ती में, फगुहारे फाग सुनाते हैं!! नवसृजन की [...]

हिन्द का नववर्ष

हिन्द का नववर्ष हिन्द का नव वर्ष आया, चैत्र का शुभ मास है। ले बिदा फागुन गया अब, नव फसल की आस है।। धर्म शास्त्रों में लिखा है, ये सनातन सत्य है। सृष्टि का आरंभ चैत्रे, प्रतिपदा से नित्य है। आ रहीं जगदंबिका हैं ,भक्त आशा ले खड़े। शक्ति रूपा [...]

भचर-भचर भड़काऊ भाषण से भाईचारा तोड़ रहे हैं नेताजी ।

भचर-भचर भड़काऊ भाषण से भाईचारा तोड़ रहे हैं नेताजी । चुनाव दर चुनाव जनसेवा और तरक्की की दुहाई देकर, नींबू की तरह जी-भरकर जनता को निचोड़ रहे हैं नेताजी । काम-धाम कुछ नहीं, घूम-फिरकर हर बार की तरह जाति-बिरादरी की इकाई ,दहाई सैकडा जोड रहे हैं नेताजी। जनता जाए भांड [...]

चुनावी गीत

चुनावी गीत बादल चुनाव के जब भी छाए। देश में वादों की बाढ़ सी आए। घोषणाओं की घनघोर घटा, भाषणों की इंद्रधनुषी छटा, कर्सी लोलुप मेढ़क ये टर्राए। बादल चुनाव के जब भी छाए। नारे बैनर झंड़ों की हरियाली, चमचों के चेहरे पे खुशहाली, कोल्हू के बैल सा दौड़ लगाए। [...]

भारत की बात कविता लेखन प्रतियोगिता संपन्न

भारत की बात कविता लेखन प्रतियोगिता संपन्न जबलपुर – प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी के संयोजन में व डॉ गुंडाल विजय कुमार संपादक भारत की बात डिजिटल समाचारपत्र के निर्देशन में लेखन को प्रोत्साहित करने हेतु कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। भारत की बात डिजिटल [...]

कविता

कविता कविता, तू क्या है? तेरा कवि है कौन? कब तक इन सवालों पर, तू रहेगी मौन? खुशी में लिखी या फिर उदासी की है कविता? बता भी दे, तू किस कवि की है कविता? कविता का उत्तर: जो जो आया जीवन में, अक्षर या मात्रा जोड़ता गया, समय, कवि [...]

गीत ये बन पाए हैं

गीत ये बन पाए हैं जिगर को चीर के , बाहर ये निकाले मैंने , फिर ये अरमान , आंसुओं में उबाले मैंने , तब कहीं जा के , विरह गीत ये बन पाए हैं । इनके सीने में गम , के तीर चुभाये मैंने , दिल पै अपनों के [...]