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गजल।

122 122 122 122 कभी उसने नजरें चुराई नहीं थी, उन्हें थी मुहब्बत जताई नहीं थी।। चले दूर मुझसे जमाने के कारण, लगी चोट दिल पे बताई नहीं थी।। मिलकर कदम साथ चलने का वादा, मगर पास मंजिल भी आई नहीं थी।। भरोसा था मुझको सहारा मिलेगा, मगर उनकी उल्फत [...]