।।मंगल नव वर्ष।।
नव वर्ष मे करें नव मंथन
नव कलम से करें नव सृजन।
नव आंगन में नव धड़कन
नव मंजिल पर चल करें अनुसरण।।
नव आकलन से करें कुछ नवशोधन
नव वर्ष में दुनियां करें अभिनंदन।
नव उमर हैं नव युवा मन
नव रीति से करें नव गुंजन।।
नव वर्ष हैं हम भी बने नवयुवक
नव भारत निर्माण में करें जन सहयोग।
नव सुबह नव सूर्य की किरण
नव नीला अम्बर नव प्रकाश पुंज ।।
नव राग से करें नव सरगम
नव चिन्तन से करें नव मंथन।
नव संगीत से नव गायन
नव वर्ष में पूर्ण हो संकल्प चिंतन।।
विजय पाटिल
शिक्षक सह साहित्यकार
जिला बड़वानी मप्र