नव वर्ष का संकल्प
नये साल के शुभ स्वागत में,
मानवता का धर्म निभाएं।
दीन दुखी असहाय जनों की,
सेवा में हम सब लग जाएं।।
मजहब की दीवार न होवे,
धर्म का आडंबर ना छाए।
भरे न कोई भेदभाव को,
सुख कि हम सरिता लहराए ।।
किलकारी से गूंजे आंगन,
कटुता कूट के दूर भगाएं।
प्रेम भाव भाईचारा से,
“जिज्ञासु” जन मन बहलाएं ।।
नए साल में अबकी हम सब,
मिलकर ये संकल्प उठाएं।
विश्व गुरु हो भारत अपना,
रामराज्य फिर वापस लाएं।।
नए साल के सुस्वागत में
मानवता का धर्म निभाएं
कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु”