Search for:
  • Home/
  • Tag: @गजल

ग़ज़ल

ग़ज़ल चमकती धूप में अपने,बदन को हम जलाते हैं। बड़ी मुश्किल से इस मिट्टी को हम सोना बनाते हैं।। लुटा कर जान उल्फत में,मिली थी यार रुसवाई, ज़रा सी बात में अपने,हमी से रूठ जाते हैं ।। फसल उगती नहीं ऐसे,बुआई में पसीने की, कई बूंदे मिलाकर हम,इसे गुलशन बनाते [...]

ग़ज़ल

ग़ज़ल प्यार करना भी नहीं उससे मुकरना भी नहीं दूर रहकर है तड़पती और मिलना भी नहीं// देख के हम होश अपने फिर कहीं खो ही न दें राह से तुम अब कभी मेरी गुज़रना भी नहीं// देख टुकड़े लाख होंगे गर न सँभला आज तू दिल मेरे तू ग़ैर [...]

गजल।

122 122 122 122 कभी उसने नजरें चुराई नहीं थी, उन्हें थी मुहब्बत जताई नहीं थी।। चले दूर मुझसे जमाने के कारण, लगी चोट दिल पे बताई नहीं थी।। मिलकर कदम साथ चलने का वादा, मगर पास मंजिल भी आई नहीं थी।। भरोसा था मुझको सहारा मिलेगा, मगर उनकी उल्फत [...]