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हिन्द का नववर्ष

हिन्द का नववर्ष

हिन्द का नव वर्ष आया, चैत्र का शुभ मास है।
ले बिदा फागुन गया अब, नव फसल की आस है।।
धर्म शास्त्रों में लिखा है, ये सनातन सत्य है।
सृष्टि का आरंभ चैत्रे, प्रतिपदा से नित्य है।

आ रहीं जगदंबिका हैं ,भक्त आशा ले खड़े।
शक्ति रूपा माँ भवानी, कष्ट हरतीं हैं बड़े।।
नौ दिनों नवरात्र माता, दास नित पूजा करें।
पाठ-पूजा ले नियम-व्रत, होम आरत भर सरें।।

झोलियाँ सबकी भरो माँ,प्रार्थना ये कर रहे।
नित्य श्रद्धा भाव से सब,साधना-जप कर रहे।।
माँ सदा आशीष देना, रूप वैभव यश मिले।
आगमन नववर्ष का है,राह उन्नति की मिले।।

अनुराधा गर्ग दीप्ति
जबलपुर म.प्र.

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