नव सृजन की मधुमय मंगल बेला में हम नववर्ष मनाते हैं
नव सृजन की मधुमय मंगल बेला में हम नववर्ष मनाते हैं स्पंदन होता बीजों में, अंकुर बन वे उग आते हैं! उर्वरता धरती से लेकर, वे तरुवर बन जाते हैं!! उनके शीतल छाॅह तले सब,जीव जंतु सुख पाते हैं! अल्हड़पन की मद मस्ती में, फगुहारे फाग सुनाते हैं!! नवसृजन की [...]