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गुरु जी

गुरु जी मेरी हिंदी के प्रेरक है आप मेरे परिश्रम में श्रम है आप मेरे मन का आनंद वचन है आप। मेरे प्रश्न का उत्तर है आप। मेरे मार्ग में धर्म बोध है आप। मेरी रचना का भाव है आप। मेरे कार्य का आचरण है आप। मेरे सृजन के सहभागी [...]

गुरू की महिमा का बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता है

गुरू की महिमा का बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता है बक्सर, २०/जुलाई/२०२४, गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु, गुरू देवो महेश्वर:, गुरू साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:. आषाढ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा, वेद व्यास जयंती एवं गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व की पूर्व संध्या पर, भोजपुरी दुलार मंच, एवं प्रेरणा [...]

युवा साहित्यकार ‘संदीप कुमार विश्वास’ जी हुए ‘कलमकार सम्मान’ से सम्मानित

युवा साहित्यकार ‘संदीप कुमार विश्वास’ जी हुए ‘कलमकार सम्मान’ से सम्मानित ‘भारत की बात’, ‘आम जन की आवाज’ ‘न्यूज़ पोर्टल’ के साहित्यिक मंच द्वारा रेणु गांँव, औराही-हिंगना, फारबिसगंज, अररिया-बिहार के रहने वाले युवा साहित्यकार श्री ‘संदीप कुमार विश्वास’ जी को ‘भारत की बात’ ‘न्यूज़ पोर्टल’ द्वारा ‘कलमकार सम्मान’ से सम्मानित [...]

गुरु को नमन

गुरु को नमन नमन मेरा सबसे प्रथम प्रभु को, जग में जीवन प्राण दिया गुरु मेरे वही दाता मेरे वही। हर पल हर सांस देकर , सुख – दुःख में हाथ थामे, पल – पल मुझे कृतार्थ किया । जग में जब आंखें खोली, प्रथम रुदन था मेरा , कोमल [...]

आलोचना संसार

आलोचना संसार किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए कार्य में दोष निकालकर उनका बखान करना आलोचना कहलाता है और किसी व्यक्ति के गुण-दोष दोनों को अच्छी तरह से देख-परख कर बतलाना या‌ उस पर टिप्पणी करना समालोचना कहलाता है। वैसे तो आलोचना या समालोचना जीवन के हर क्षेत्र में नज़र [...]

गुरु पूर्णिमा पर साहित्यांजलि प्रकाशन द्वारा आठ पुस्तकों के लोकार्पण सहित साहित्यकारों का सारस्वत सम्मान

गुरु पूर्णिमा पर साहित्यांजलि प्रकाशन द्वारा आठ पुस्तकों के लोकार्पण सहित साहित्यकारों का सारस्वत सम्मान   *माँ राजपती देवी स्मृति साहित्य सम्मान समारोह में पुस्तक प्रदर्शनी आज प्रयागराज | भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के रजत जयंती वर्ष में *रविवार को* प्रातः 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक *ज्वाला देवी [...]

ऐसी तुम मशाल बनो

ऐसी तुम मशाल बनो दुश्मनों का काल बनो, दोस्तों की ढ़ाल बनो । दूर हों अंधेरे जग के, ऐसी तुम मशाल बनो ।। आंधियां उठें जहां, कदम नहीं रुकें वहां । मुड़के देखना नहीं है, तुम पहुंच गए कहां ।। यूँ नदी की चाल बनो, स्वर के साथ ताल बनो [...]

एक विशिष्ट व्यक्तित्व ज्ञानी जैल सिंह

एक विशिष्ट व्यक्तित्व ज्ञानी जैल सिंह मैं स्वयं को अत्यंत गौरवान्वित अनुभव करती हूँ कि आज अपने इस आलेख के माध्यम से मुझे भारत के सप्तम् राष्ट्रपति महामहिम आदरणीय ज्ञानी जैल सिंह के अनुपम चरित्र से आप सबको परिचित कराने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। आदरणीय ज्ञानी जैल सिंह जी [...]

प्राचीन आत्मा ह्रदय भाव

प्राचीन आत्मा ह्रदय भाव वह दौर अब न आयेगा जब दूर-दूर में कोई गाँव नहीं होता था|गाँव में पाँच-सात घर सबमें बड़ा प्रेम होता था|चारो तरफ पेड़-पौधे हरियाली ही हरियाली होती थी|सब संध्या बेला में गाय चराने जाते,कोई पगड़ी बाँधे गमछा लपेटे तो कोई नंगी बदन केवल यज्ञोपवीत धोती पहने [...]

कविता

कविता हे प्रभु आप आओ मेरे द्वार, निर्मल प्रेम ज्योति जला रखा दरबार| दया का हाथ रखना करना भव से पार, दुनिया के सजीव अंशो के आप हो रखवार|| सारी सृष्टि आपकी मुट्ठी में हकदार, हिला सकते हो पल भर में सारा संसार| मिट्टी के पुतले आप हो प्रभु के [...]