मानव जीवन निर्वाह के लिए पहले संकेतों के माध्यम से संवाद करता था
मानव जीवन निर्वाह के लिए पहले संकेतों के माध्यम से संवाद करता था | सभ्यता के क्रमिक विकास में हम चित्र लिपि के आधार पर भी मानव के भाषा एवं मनोदशाओं का अध्यन किये हैं | किसी भी देश एवं समाज के भौतिक विकास के साथ सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ रखने के लिए सर्वग्राह्य भाषा का होना नितांत आवश्यक है | प्राचीन काल से भारत में कई भाषा को बोलने वाले निवास करते आ रहे हैं,भाषायी विविधता होने से सांस्कृतिक एकता में कठिनाइयाँ होती है,आकृति या रूप के आधार पर हिंदी पाली-प्राकृत-संस्कृत भाषा से समृद्ध हुई है | भारत से अंग्रेजो का जाना तय हो गया,सत्ता हस्तांतरण के लिए संविधान सभा का गठन हुआ, नियमो एवं कानून बना |
संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने जाने का प्रस्ताव श्री गोपाल स्वामी आयंगर ने रखे थे जिसका समर्थन श्री शंकरराव देव् ने किया था |संविधान सभा में 11 सितम्बर से 14 सितम्बर 1949 को हिंदी,अंग्रेजी,संस्कृत एवं हिन्दुस्तानी भाषा के बारे में चर्चा किया गया था | हिंदी भाषा में दो गुट बन गया फिर भी संविधान सभा1949 में राजभाषा के नाम पर मतदान मतदान हुआ जिसमे हिन्दुस्तानी को 77 वोट एवं हिंदी को 78 वोट मिला था | राजभाषा एक संवैधानिक शब्द है| इसी मतदान परिणाम के आधार पर 14 सितम्बर 1949 ईस्वी को संवैधानिक रूप से राजभाषा घोषित किया गया था | भारतीय संबिधान 26 जनवरी 1950 को लागू हो गया, जिसमे 8 वीं अनुसूची में सिर्फ 14 भाषाओं को शामिल किया गया था,अब बढ़कर 22 हो गई है |
भारत में बसने वाले जनता के सरकारी काम काज को निरूपित करने के लिए सर्व सम्मति से सर्वमान्य भाषा का चयन किया जाना आवश्यक हो गया,चौदह भाषाओं में अधिक बोले जाने वाली भाषा को राष्ट्रभाषा बनाना था,कुछ राजनेताओं ने बांगला को राष्ट्रभाषा बनाने को समर्थन दिए कुछ ने दक्षिण भारतीय भाषा को बनाये जाने को कहे | संविधान के अनुच्छेद 343-संघ की भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी | संविधान के प्रारंभ के 15 वर्षों तक अंग्रेजी भाषा में शासकीय कार्य होते रहे है| हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए राजभाषा आयोग 1955 बना,जिसके अध्यक्ष श्री बी.जी.खेर हुए थे |
राष्ट्रपति का आदेश 1960 में शिक्षा मंत्रालय,विधि,वैज्ञानिक अनुसन्धान,सांस्कृतिक एवं गृह मंत्रालय को हिंदी में लिखने का निर्देश हुआ जिससे सार्वजनिक महत्व की जानकारी मिल सके | राजभाषा अधिनियम 1963 बना जो 1965 से सारा काम काज हिंदी में शुरू होना था परन्तु बंगाल और तमिलनाडु ने हिंदी का घोर विरोध किया | 26 जून 1965 को राजभाषा अधिनियम में द्विभाषिक -हिंदी और अंग्रेजी भाषा प्रयुक्त होने का निर्णय हुआ | भाषाओ के आधार पर सन 1956 में राज्यों का पुनर्गठन भी हो गया था जिससे हिंदी भाषा की प्रबलता बढती जारही थी | संविधान लागू होने 15 वर्षों के बाद भी राष्ट्रभाषा नहीं बन पाने पर राज्यों को भाषा चुनने का स्पष्ट निर्देश, राजभाषा (संसोधन) अधिनियम -1967 के तहत प्राप्त हुआ था | संविधान के अनुच्छेद 345-346 में राज्यों को भाषा चयन करने में पूरी छूट दी गई है |
राष्ट्रभाषा वह है जो किसी देश की जनमानस में आसानी से बोले जानी वाली भाषा से है | देश के सभी राज्यों में सांस्कृतिकता के समन्वय एवं एकता के लिए सुदृढ़ हो | स्वतन्त्रता आंदोलन के समय में हिंदी भाषा के समाचार पत्र-पत्रिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है,राष्ट्रीय चेतना को प्रखर करने में हिंदी भाषा जनप्रिय भाषा रही है | हिंदी भाषा में साहित्य सृजन ज्यादा देखने को मिलता है | हिंदी भाषा के सर्वांगीण मानकीकरण के लिए भारतीय हिंदी परिषद् , केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली 1960, हिंदी केंद्रीय समिति नई दिल्ली-1967 ,राजभाषा विधायी आयोग – 1975 ,केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो -1975, संसदीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति एवं राज्यों में साहित्यिक समूह आदि संस्थाएं हिंदी को समृद्ध बनाने एवं प्रचार- प्रसार का कार्य कर रहें हैं |
भारत के नौ राज्यों की राज भाषा हिंदी है और सभी राज्यों में बोले जाने वाली भाषा है | भारतीय संसद में बहुमत प्राप्त भाषा है | हमें हिंदी भाषा पर गर्व है, जन-जन की भाषा हिंदी है | 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता है | विश्व के कई देशों में हिंदी भाषा बोलने वाले है इसलिए कई देश के प्रखर विद्वान् विश्व हिंदी सम्मेलन में आते है | विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है |
डी.ए.प्रकाश खाण्डे – अनूपपुर म.प्र.