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साहित्य उपवन रचनाकार की टीम ने अंबेडकर जयंती पर की जबरदस्त काव्य वर्षा…दर्शक हुए मंत्र मुग्ध।

साहित्य उपवन रचनाकार की टीम ने अंबेडकर जयंती पर की जबरदस्त काव्य वर्षा…दर्शक हुए मंत्र मुग्ध।

साहित्य उपवन रचनाकार की टीम विश्वरत्न विश्व भूषण ज्ञान के प्रतीक बोधिसत्त्व बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर जयंती के शुभ अवसर पर सिद्धार्थ बुद्ध टैंपल यमुना विहार में भव्य कवि सम्मेलन में शिरकत की। इस कवि सम्मेलन का आयोजन सिद्धार्थ बुद्ध टैंपल के अध्यक्ष और भूतपूर्व विधायक श्री बलजोर सिंह के सौजन्य से हुआ। कार्यक्रम का आगाज कवि आर. डी. गौतम विनम्र द्वारा बुद्ध वंदना से हुआ। संचालन का दायित्व दिनेश कुमार ने खूबसूरत तरीके से संभाला। मंच की शोभा बढ़ाने वाले साहित्य के क‌ई श्रेष्ठ हस्ताक्षर जिनमें डाॅ. सुनीता सक्सेना , उपवन के संरक्षक डाॅ. राकेश सक्सेना, साहित्य उपवन रचनाकार मंच के अध्यक्ष रोहित रोज, समाजसेवी एवं कवि आ. एन. पी. निशांत एवं सिद्धार्थ बुद्ध विहार के अध्यक्ष / भूतपूर्व विधायक श्री बलजोर सिंह आदि रहे।
यह विशुद्ध कवि सम्मेलन बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इसलिए सभी रचनाकारों ने अपने काव्य पाठ में बाबा साहेब के संघर्ष को केंद्र में रखकर काव्य पाठ किया। इस भव्य कार्यक्रम के साक्षी बहुत सारे साहित्य प्रेमी बने। शिरकत करने वाले सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक काव्य पाठ करके श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। साहित्य उपवन रचनाकार की टीम ने इस कवि सम्मेलन में एक से बढ़कर एक और अद्भुत रना सुनाई। इस आयोजन में तथागत बुद्ध की भव्य प्रतिमा के साथ बाबा साहेब डॉ.अम्बेडकर आकर्षक चित्र लगा था। कवियों के साथ समाज के अनेक जिम्मेदार उपासकों ने पुष्प अर्पित कर आदरांजलि प्रस्तुत की। मंच के अध्यक्ष रोहित रोज एवं आर डी गौतम विनम्र ने हर प्रतिभागी कवि के काव्य पाठ का फेसबुक पर उत्सव वाटिका मंच में लाइव प्रसारण कर उत्साहवर्धन किया। उपवन के अन्य पदाधिकारी जो कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाये वे सभी फेसबुक पर कार्यक्रम को देखकर प्रफुल्लित होते रहे। कार्यक्रम को अपनी गरिमामई उपस्थिति व मनभावन प्रस्तुति से सफल बनाने वाले मुख्य रचनाकार हैं –
डाॅ. राकेश सक्सेना, डाॅ. सुनीता सक्सेना, दिनेश कुमार, आर. डी. गौतम विनम्र, एन. पी. निशांत एवं डाॅ. रोहित रोज आदि रहे। कार्यक्रम सादगी सभ्यता और शालीनता के परिसर में सम्पन्न हुआ।
आर डी गौतम विनम्र ने सुमधुर आवाज़ में
“जय भीम की ललकार है संसार में हटके।
हमको भी समझाई है उस सरदार ने हटके…. गीत प्रस्तुत कर श्रोतओं का मन मोह लिया।
डॉ. सुनीता सक्सेना ने बाबा साहब पर खूबसूरत रचना के साथ ” मैं नारी हूँ ” रचना पढ़ कर तमाम दर्शकों को प्रभावित किया।
दिनेश कुमार ने प्रेरक पंक्तियाँ पढ़ कर करतल ध्वनि से सभागार को गुंजायमान कर दिया।
“राम वालों को ख़ुदा से बू आती है
मुसलमान को भगवान से बू आती है
फुरसत किसको खिदमत करे इंसान की
यहाँ तो इंसान को इंसान से बू आती है…
डॉ. राकेश सक्सेना ने
“अपनी वाणी सहज़ और सरल कीजिये।
कर्म को धर्म मानो न छल कीजिये…. से मन्त्र मुग्ध कर झूमने को मजबूर कर दिया।
साहित्य उपवन रचनाकार मंच के अध्यक्ष रोहित रोज के शब्दों में..
बुद्ध भगवान की हम शरण आ गए।
मन से छूने तथागत चरण आ गए…..
अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को वाह वाह करने पर मज़बूर कर दिया।
इस भव्य कार्यक्रम को कालोनीवासियों ने बड़े मन से सुना और सराहा। शिरकत करने वाले सभी कवि/कवयित्रियों को अंगवस्त्र एवं बैज देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का अंत स्नेह युक्त लज़ीज़ भोजन के साथ सम्पन्न हुआ।

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