प्रेरणा का हिंदी अभियान
प्रेरणा का हिंदी अभियान
प्रेरणा का हिंदी अभियान है।
हिन्दी भारत माॅं की शान है।।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा।
हिंदी राष्ट्रभाषा देशी आभा।।
राष्ट्रभाषा बनाना संकल्प है।
हिन्दी का नहीं विकल्प है।।
संस्था निरंतर डग भर रही है।
हिंदी प्रचार प्रसार कर रही है।।
हिंदी हेत जनता जगा रही है।
संस्था जागरूक बना रही है।।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा।
निखरी घणी है हिन्दी आभा।।
आजादी स्वर्ण जयंती वर्ष में।
हिंदी अमृत महोत्सव वर्ष में।।
विश्व हिन्दी दिवस अवसर पे।
प्रचार रथ यात्रा के अवसर पे।।
जबलपुर से राजघाट दिल्ली।
हिंदी प्रचार रथयात्रा निकली।।
इसी तारतम्य में बात खास है।
हिन्दी राष्ट्रभाषा हो विश्वास है।।
दो अक्तूबर, 2022 नै था विराट।
था सांकेतिक उपवास राजघाट।।
था देश की राजधानी दिल्ली में।
शामिल साथियों की तब्दीली में।।
राष्ट्रभाषा बनाने 13 सितंबर को।
2023 का पता है धरा-अंबर को।।
दिल्ली इंडिया गेट से राजघाट तक।
सांकेतिक पदयात्रा आयोजन कर।।
नित प्रेरणादायक कार्य कर रही है।
सब संग हिन्दी माॅंग चल रही है।।
14 सितंबर, 2024 को यह कड़ी।
दिल्ली राष्ट्रीय सम्मेलन माॅंग करी।।
माॅंग हिन्दी नै राष्ट्रभाषा बनाने को।
जंतर-मंतर गये प्रदर्शन करने को।।
सभा 30 जनवरी, 2025 के दिन।
संस्कारधानी जबलपुर हिंदी जमीन।।
महाकुंभ का कर्या दिव्य आयोजन।
हिन्दी प्रचार प्रसार का है संयोजन।।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिन्दी।
प्रचार प्रसार में है सहयोग चाहिन्दी।।
प्रचार कवि, शिक्षाविद-साहित्यकार।
समाजसेवी, आमजन और पत्रकार।।
इन्हें सम्मानित करने का कर्म करै है।
प्रतिदिन नित नये डग संस्था भरै है।।
कवि साहित्यकार सभी विद्वान हैं।
सब समाज संस्था में स्वाभिमान है।।
लोगां इस दिशा में कर्म करने को।
प्रेरित कर्या प्रचार आगे बढ़ने को।।
संग हमारे कवि संगम त्रिपाठी है।
हिन्दी प्रचार प्रसार के वे साथी है।।
इस काम नेतृत्व उनका समर्पण है।
हिन्दी राष्ट्रभाषा हित सब अर्पण है।।
कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक हैं।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी में व्याप्त है।।
मध्य प्रदेश का जबलपुर धाम है।
हिन्दी सेवी प्रचार प्रसार काम है।।
पृथ्वीसिंह’ जारी हिन्दी अभियान।
हिन्दी भारत माता का ही सम्मान।।
कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई
हिसार (हरियाणा)