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नारी शिक्षा

नारी शिक्षा अगर खोल देखें कि इतिहास में क्या, बेबस व लाचार ही थी वो नारी । चाहे गरीबी हो या हो अमीरी अनपढ़ रहेगी न अब कोई नारी ।। पढ़ना उन्हें है अपनों के लिए , सपनों को पूरा करने के लिए । पीढ़ियों को संस्कार देने के लिए [...]

लघुकथा: अपना घर

लघुकथा: अपना घर “मेरी लाडो रानी को क्या ख़ास तोहफ़ा चाहिए अपने पापा- मम्मी से अपनी शादी में।” राजेशजी बहुत खुश थे। अपनी सुशिक्षित, सुंदर, सुघड़ बिटिया के लिए उसके समकक्ष घर-परिवार मिलने की ख़ुशी में राजेशजी मानो दिव्या को जहाँ भर की ख़ुशियाँ दे देना चाहते थे। “पापा! अगर [...]

प्रेरणा के योद्धा

प्रेरणा के योद्धा दिल्ली के सशक्त हस्ताक्षर हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रहे….. कवि समाजसेवी….. प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के महासचिव कलमवीर योद्धा….. जिन्होंने राजघाट से लेकर इंडिया गेट तक हिंदी के लिए प्रेरणादाई काम किया……उनके रग रग में देशभक्ति का जज्बा है। उन्हें मानद पद प्रदान [...]

ग़ज़ल देते तो अच्छा था

ग़ज़ल देते तो अच्छा था ख़ता जो भी हुई हमसे बता देते तो अच्छा था चलो दो बात कड़वी कह रुला देते तो अच्छा था// जहाँ भर में ढिंढोरा पीट कर बदनाम कर डाला न गलती को हमारी यूँ हवा देते तो अच्छा था// भरा गुब्बार जो मन में शिकायत [...]

सुनीता शेखावात (राष्ट्रगीत) को दिया गया राजस्थान साहित्य रत्न सम्मान।

सुनीता शेखावात (राष्ट्रगीत) को दिया गया राजस्थान साहित्य रत्न सम्मान। राजपूत साहित्य अकादमी व राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान भारत द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन व प्रतिभा सम्मान समारोह ,वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप पुरस्कार समारोह है ,दहेज विरोधी क्षत्रिय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें राजस्थान के अनेक राजपूत अन्य साहित्यकारों [...]

धर्म

धर्म धर्म की सार्वभौमिक परिभाषा है, धारयते इति धर्मः,जिसे धारण किया जाय, वह धर्म। यह धर्म शब्द मूलरूप से “धृ” धातु से लिया गया है और उसका “म” से संयोजन करके कह दिया, धर्म। “धृ” का मुख्य अर्थ है, धारण करना। मूलरूप से जीवनी अस्तित्व का आधार धर्म है। ऐसे [...]

अहंकार

अहंकार अहंकार का विलय जगत में जीवन का आधार है हार जीत के फेरों में ना पड़ो इस दुनिया के झमेलों में अहंकार विचारों की टकराहट है इसलिए हर शख्स में घबराहट है टकराहट तो अनादि से व्याप्त है इसी झंझावात से इतिहास है जीवन पर्यंत इस हार को जीत [...]

( आलेख ) संचार क्रांति का हिंदी साहित्य पर प्रभाव — प्रस्तावना —

( आलेख ) संचार क्रांति का हिंदी साहित्य पर प्रभाव — प्रस्तावना — मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इस धरा-धाम पर जन्में प्रत्येक प्राणी को जीवन यापन करने एवं उन्नति करने के लिए परिवार का, समाज का सहयोग मिला है। जन्म लेने के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति इस सामूहिक समाज [...]

“पौराणिक विषय पर सृजन करते हुए लेखक को उस युग के अनुरूप भारतीय समाज और अध्यात्म को ध्यान में रखकर लिखना चाहिए।” डा. उमेश कुमार सिंह

“पौराणिक विषय पर सृजन करते हुए लेखक को उस युग के अनुरूप भारतीय समाज और अध्यात्म को ध्यान में रखकर लिखना चाहिए।” डा. उमेश कुमार सिंह शहडोल – दिनांक 27.6.2024 को गद्य प्रवाह समूह की आनलाइन गूगल गोष्ठी में सुश्री संतोष श्रीवास्तव जी के उपन्यास “कर्म से तपोवन” की परिचर्चा [...]

पवन झकोरे

पवन झकोरे पवन झकोरे घूँघट चूमे, अंग-अंग पुलकित हो जाए। सौंधी गंध लिए आ जाओ, जीवन ये सुरभित हो जाए।। नैन तुम्हारे मधुशाला से , प्रेम सुधा ये छलकाते हैं। कामदेव सी सूरत मनहर, बाँकी चितवन ये भाते हैं । आलिंगन में भर लो मुझको, मन मेरा हर्षित हो जाए [...]