मातृ दिवस पर माँ को शब्द सुमन भेंट
मातृ दिवस पर माँ को शब्द सुमन भेंट
मेरी माँ मेरे जीवन की अनमोल निधि हैं
दुनियां की दौलत कुछ नहीं इनके आगे
बड़े फी के से लगते हैं दुनियां केसब नाते
इनके आँचल की छांव में सारा जहां समाया
इन्होंने ही तो दुनियां में रह जीना सिखाया
इनसे बड़ कर नहीं कोई वस्तु है प्यारी मुझे
क्या करूँ माँ मैं दर्द मुक्त नहीं कर सकती तुझे
तुम्हें यूं तड़पता देख दिल दहल जाता है मेरा
और छटपटा ती हूं कैसे दुख दूर करूँ अब तेरा
उम्र की इस आखिरी बेला में तकलीफें ढेर हैं
एक के बाद एक मुसीबतों के आते ये फ़ेर हैं
दिल तो कर ता है पलकों पर बिठा कर रखे
पर हम पांचो भाईबहिन भी मिलकर आपका दुख दूर कर नहीं पा रहे क्योंकि रूठे हुए हैं आपके भाग्य ही आपसे ,और छलनी कर रहे आत्मा हमारी आपको दी हुई तकलीफों से।।
आज इस मातृ दिवस पर क्या बधाई और शुभकामनाएं दूं आपको ।ईश्वर से बस यही प्रार्थना कि तकलीफें सहने की शक्ति दे आपको ।।
डॉ सुषमा वीरेंद्र खरे
सिहोरा – जबलपुर मध्यप्रदेश