साहित्य जगत में मनलाल बड़ोदे “राधेप्रेम” मेहरा का नाम शामिल
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साहित्य जगत में मनलाल बड़ोदे “राधेप्रेम” मेहरा का नाम शामिल
बैतूल : जिला बैतूल की तहसील मुलताई व सूर्यपुत्री मां ताप्ती देवी उद्गम स्थल के निकट पैतृक ग्राम बानूर के मेहरा समाज के मूलनिवासी स्व.श्री राधेलाल बड़ोदे व स्व.श्रीमती भदोली बड़ोदे के अनुज पुत्र मनलाल बड़ोदे जिनका जन्म 1953 में हुआ और मध्य रेलवे, आमला से वर्ष 2013 में रिटायर्ड होकर जीवन के हर सुख दु:ख के पड़ाव में कुशल कार्य और मृदुभाषी व्यवहार के हमेशा धनी रहे और आज साहित्य जगत में अपना नाम शामिल किया है। आमला शहर में बसंत पंचमी पर्व के अवसर पर 2 फरवरी 2025 को आयोजित मेहरा समाज सम्मेलन के दौरान पुत्रश्री- डॉ. हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’ मेहरा (शिक्षक/कवि/लेखक/गीतकार/समाजसेवी) जो कि वर्षो से साहित्य के क्षेत्र में अग्रसर है। पुत्र के द्वारा समाज सम्मेलन में समग्र मेहरा समाज पर स्वागत गीत व डॉ. भीमराव अंबेडकर पर मौलिक गीत प्रस्तुत कर अपने विचार रखे एवं सदैव राष्ट्र व समाज हित में सोच विचार रखते हुए निरंतर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच से अनेक सम्मान पाना गौरव की बात है। समाज सम्मेलन में पुत्र के व्यक्तित्व से प्रेरित होकर लेखन कार्य करने का विचार किया। पैतृक ग्राम बानूर के मेहरा समाज में बचपन से दादा-दादी के किस्से-कहानियां, प्राचीन नाटक, रामलीला, भजन मंडली आदि अनेक कार्यक्रम नाटकों को गांव में गणेशोत्सव, दुर्गा उत्सव, श्रावण पर्व, दीपावली पर्व, महाशिवरात्रि पर्व एवं होली पर्व आदि पर पुराने गीत गायन करने के शौकीन है। इनके द्वारा गांव में जीवन यापन कर मेहनत से आमला में मध्य रेलवे में नौकरी कर परिवार के संग खुशहाल जीवन व्यतीत किया है। भविष्य में पुत्र के मार्गदर्शन में साहित्य के क्षेत्र में अनेक विधाओं में लेखन कार्य करके राष्ट्र व समाजहित में कार्य करना इनका मुख्य उद्देश्य है। इंकलाब पब्लिकेशन, मुंबई के द्वारा “आधुनिक सर्वश्रेष्ठ कहानियां” नामक पुस्तक में इनकी मौलिक कहानी शीर्षक- “सोन चिड़िया” नामक स्टोरी एवं नीलम पब्लिकेशन के द्वारा “रंगो में साहित्य” नामक पुस्तक में होली गीत का चयन तथा प्रकाशन हुआ है। तथा एकता फाउंडेशन सामाजिक संगठन नागपुर के द्वारा बैतूल जिला प्रभारी के पद पर नियुक्त कर भारतीय संविधान के मूलभूत अधिकार व मानवता के हित के लिए कार्य करने हेतु “जिला-प्रभारी” का दायित्व सौंपा गया है।
साहित्य जगत में उपनाम “राधेप्रेम” से गौरवांवित व अलंकृत होकर भविष्य में मनलाल बड़ोदे “राधेप्रेम” मेहरा नाम से जाने पहचाने जायेंगे। इस तरह आमला शहर, पैतृक ग्राम बानूर बड़ोदे परिवार, मेहरा समाज सभी का नाम रोशन करने के लिए और अद्वितीय उपलब्धि के लिए पूरे घर-परिवार में खुशी की लहर है। सभी मित्रों, रिश्तेदारों, ग्राम बानूर व शहर आमला नगरवासियों के द्वारा अनेक बधाइयां व उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना सहित अनंत शुभकामनाएं दी है।