गंगा माँ
गंगा माँ गंगा माँ हम है बालक तेरे । पतित पातकी पामर पागल जो है भी जैसे भी है है बस तेरे । जननी ही शिशु को नहलाती ,शौच साफ कर सदा सजाती । धूल धूसरित या कीच सना हो , पावन कर माँ लाड़ लड़ाती ।। पावन परम कर्म [...]
गंगा माँ गंगा माँ हम है बालक तेरे । पतित पातकी पामर पागल जो है भी जैसे भी है है बस तेरे । जननी ही शिशु को नहलाती ,शौच साफ कर सदा सजाती । धूल धूसरित या कीच सना हो , पावन कर माँ लाड़ लड़ाती ।। पावन परम कर्म [...]
विश्व साहित्यकार महासभा (प्रकाशन) पंजीकृत .इंदौर. म.प्र.भारत मालवा निमाड़ साहित्यकार परिषद.इंदौर. म.प्र अन्नपूर्णा कुटी 742 /2 भागीरथपुरा पुराने ट्रांसफार्मर के पास बोरिंग वाली गली इंदौर452003 मध्य प्रदेश भारत मोबाइल नंबर 9424998240 “”शाईर, चित्रकार, महाकवि डॉ. प्रेमानंद सरस्वती को विश्व की सबसे महंगी खूबसूरत पुस्तक.. पंख..में प्रकाशित विश्व की सबसे सूक्ष्म [...]
माँ से बड़ा कोई नहीं मै अपनी माँ के चरणों का,चरणामृत रोज लेता हूँ, सुबह उठ रोज धरती माँ को,माथा टेक देता हूँ। गरीबो की दुआ मुझको,फकीरों सी ही लग जाती, मै जिस दिन दो गरीबों के भी,आंसू पोछ देता हूँ। नही माँ से बड़ा कोई तीरथ विश्व के अन्दर, [...]
डॉ नीलम रावत अनागत चंद्रिका व अशोक पाण्डेय अनहद को मिला अनागत मार्तण्ड सम्मान लखनऊ – अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान लखनऊ के तत्वावधान में माह मई २०२४ की मासिक काव्य गोष्ठी व सम्मान समारोह संस्था के कार्यालय योगी नगर, सीतापुर रोड, लखनऊ में सम्पन्न हुई। समारोह का शुभारंभ माँ [...]
मातृत्व को नमन् दुनिया की हर मां के उस मातृत्व को मेरा नमन् , जिसने सृष्टि के संचालन का भार, अपने ऊपर वहन किया। हर मां के उस धैर्य को मेरा नमन् , जिसने नौ महीने तक संतति को, अपने उदर में जगह दे, गर्भ पीड़ा का भार, अपने ऊपर [...]
मां के हाथों से बना खाना याद आते हैं बचपन के वो दिन मां बनाती थी जब स्वयं अपने हाथों से खाना शाला से शाम को भाग कर आना और मां का अपने हाथ से वह खाना खिलाना उंगलियां चाटते रह जाते थे मन आत्मा हो जाती थी तृप्त क्योंकि [...]
माँ मां का जीवन में, कोई पर्याय नहीं है। मां जैसा सकल जगत में अध्याय नहीं है।। जिसके लबों पर कभी, बद्दुआ नहीं होती। वह एक माँ ही है, जो कभी खफा नहीं होती।। मां इस सृष्टि का सार, जीवन का आधार है। ईश्वर का उपहार औ प्रीत का मल्हार [...]
मां ममतामई मां मां ममत्व की, मूरत है। मां भगवान की ,सूरत हैं। मां दरकार हैं, स्नेह, प्रीति, प्यार है। मां हवा है, मां पानी है। मां बचपन हैं, मां जवानी है, मां अस्तित्व की कहानी हैं। मां जीवन में ,उजाला हैं । मां गिरते को , संभाला है। मां [...]
मां मां वो है जो हमे इस दुनिया में लाती बेटी को मारने वाले जालिमों से बचाती तुमको चूमती दुलारती सारी खुशियां लुटाती कोई चाहे जो कहे उसे फर्क नही पड़ता वो तुम्हे सीने से लगाती रात को जब तुम रोती तो भले कितना थकी हो उठ कर तुम्हारी नेपकिन [...]
( जब जब मैं संकट और तन्हाई में होता हूं, तब तब मां की गोद में सिर रखकर सोता हूं ।।जिस मां ने मेरी पूरी जिंदगी लिखी हो, उसे मां पर लिखने वाला में कौन होता हूं ) मातृ दिवस अनपढ़ होकर भी जो दुनिया का ज्ञान सिखाती थी और [...]