गुरु को नमन
गुरु को नमन नमन मेरा सबसे प्रथम प्रभु को, जग में जीवन प्राण दिया गुरु मेरे वही दाता मेरे वही। हर पल हर सांस देकर , सुख – दुःख में हाथ थामे, पल – पल मुझे कृतार्थ किया । जग में जब आंखें खोली, प्रथम रुदन था मेरा , कोमल [...]
गुरु को नमन नमन मेरा सबसे प्रथम प्रभु को, जग में जीवन प्राण दिया गुरु मेरे वही दाता मेरे वही। हर पल हर सांस देकर , सुख – दुःख में हाथ थामे, पल – पल मुझे कृतार्थ किया । जग में जब आंखें खोली, प्रथम रुदन था मेरा , कोमल [...]
आलोचना संसार किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए कार्य में दोष निकालकर उनका बखान करना आलोचना कहलाता है और किसी व्यक्ति के गुण-दोष दोनों को अच्छी तरह से देख-परख कर बतलाना या उस पर टिप्पणी करना समालोचना कहलाता है। वैसे तो आलोचना या समालोचना जीवन के हर क्षेत्र में नज़र [...]
गुरु पूर्णिमा पर साहित्यांजलि प्रकाशन द्वारा आठ पुस्तकों के लोकार्पण सहित साहित्यकारों का सारस्वत सम्मान *माँ राजपती देवी स्मृति साहित्य सम्मान समारोह में पुस्तक प्रदर्शनी आज प्रयागराज | भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के रजत जयंती वर्ष में *रविवार को* प्रातः 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक *ज्वाला देवी [...]
ऐसी तुम मशाल बनो दुश्मनों का काल बनो, दोस्तों की ढ़ाल बनो । दूर हों अंधेरे जग के, ऐसी तुम मशाल बनो ।। आंधियां उठें जहां, कदम नहीं रुकें वहां । मुड़के देखना नहीं है, तुम पहुंच गए कहां ।। यूँ नदी की चाल बनो, स्वर के साथ ताल बनो [...]
एक विशिष्ट व्यक्तित्व ज्ञानी जैल सिंह मैं स्वयं को अत्यंत गौरवान्वित अनुभव करती हूँ कि आज अपने इस आलेख के माध्यम से मुझे भारत के सप्तम् राष्ट्रपति महामहिम आदरणीय ज्ञानी जैल सिंह के अनुपम चरित्र से आप सबको परिचित कराने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। आदरणीय ज्ञानी जैल सिंह जी [...]
प्राचीन आत्मा ह्रदय भाव वह दौर अब न आयेगा जब दूर-दूर में कोई गाँव नहीं होता था|गाँव में पाँच-सात घर सबमें बड़ा प्रेम होता था|चारो तरफ पेड़-पौधे हरियाली ही हरियाली होती थी|सब संध्या बेला में गाय चराने जाते,कोई पगड़ी बाँधे गमछा लपेटे तो कोई नंगी बदन केवल यज्ञोपवीत धोती पहने [...]
कविता हे प्रभु आप आओ मेरे द्वार, निर्मल प्रेम ज्योति जला रखा दरबार| दया का हाथ रखना करना भव से पार, दुनिया के सजीव अंशो के आप हो रखवार|| सारी सृष्टि आपकी मुट्ठी में हकदार, हिला सकते हो पल भर में सारा संसार| मिट्टी के पुतले आप हो प्रभु के [...]
जल संरक्षण एवं प्रबंधन पर गोष्ठी संपन्न लखनऊ – भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन के नियंत्रण धीन भू जल संरक्षण सप्ताह के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन संस्थान में भारतीय भाषाओं में जल संरक्षण एवं महत्व विषय पर किया गया।गोष्ठी की अध्यक्षता विनय श्रीवास्तव ने एवं कुशल संचालन डॉक्टर रश्मि [...]
सीता कहे दर्द बड़ी दर्द भरी मेरी कहानी। अँखियो में ला दे सबकी पानी।। जिनके लिए धरा पर थी आई। उन्हीं के द्वारा गई सताई।। वन को गई थी मैं प्रभु जी संग। रंग कर प्रभु की प्रीति-भक्ति रंग।। सृष्टि हितार्थ अग्नि में समाई। मेरी छाया मेरा पद पाई।। दुष्ट [...]
देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता/ हिन्दी भाषा का इतिहास “देवनागरी लिपि का कोई जवाब नहीं यह लिपि जितनी मधुर है उतनी ही सरल और सहज” भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत की लिपि को देवनागरी लिपि कहा जाता है। लिपि का प्रयोग वैदिक युग के पूर्व से ही होता आ रहा है। [...]