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कीमती सूट (लघुकथा)

कीमती सूट (लघुकथा) ओमशंकर अपनी बेटी गौरी को सूट दिलाने के लिए रेडीमेड गारमेन्ट्स की एक बड़ी दुकान पर आया था। गौरी उसकी इकलौती बेटी थी। वह कक्षा ग्यारह में पढ़ती थी। ओमशंकर की ससुराल में एक शादी थी जिसमें उसे सपरिवार शामिल होना था। इसलिए ओमशंकर चाहता था कि [...]

गीत

गीत इस दिन के ही लिए तुम्हे क्या पाला पोसा बेटा जी। मम्मी पापा को वृद्धा आश्रम में डाला बेटा जी।। गीले बिस्तर पर सोकर तुमको छाती पर रखती थी। प्यारा नन्हा मुन्ना कह तुमको पुचकारा करती थी।। अपने खाती नही मगर तुमको मैं खाना देती थी। सारा दुख ओ [...]

दोहा

दोहा अंबानी अभिमान में, धर्म कर्म गया भूल। सत्य सनातन धर्म पर ,फेंक रहा है, धूल । आता समय, विपरीत जब, देता मति भ्रमाय। तन तन कर, होता,पतन, ये सद्ग्रंथ बताय। कंश और लंकेश सम,इसको भी अभिमान। ईश्वर के, विपरीत का,जग में नहीं स्थान। गीत देखो ऐसे धन के,धिगानें, लक्ष्मी [...]

आओ मिलकर हिंदी का प्रचार करें अपनी भाषा को सम्मान नही दिला सके तो फिर बड़ी – बड़ी बातें किस काम की आप हिंदी के प्रचार-प्रसार में सहयोग प्रदान करें। आप हिंदी के लिए क्या सहयोग कर सकते हैं………. अपने देश में ही अपनी भाषा को सम्मान जो मिलना चाहिए वह अभी तक नहीं मिला……… हमारे साथ जो देश आजाद हुए उनकी राष्ट्रभाषा बन गई………. आईए हम अपनी मातृभाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाए व तन मन धन से काम करे………. समय आ गया है देशभक्ति दिखाने का तो आप पीछे क्यों है…….. हिंदी दिवस 14.09.2024 को दिल्ली आप आने में असमर्थ हैं तो आप अपने शहर व नगर में हिंदी का परचम लहराए……. कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा जबलपुर मध्यप्रदेश संपर्क -9407854907 जो भी संस्था व व्यक्ति शामिल होकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में सहयोग प्रदान करना चाहते है संपर्क करें। जय भारत जय हिंदी

आओ मिलकर हिंदी का प्रचार करें अपनी भाषा को सम्मान नही दिला सके तो फिर बड़ी – बड़ी बातें किस काम की आप हिंदी के प्रचार-प्रसार में सहयोग प्रदान करें। आप हिंदी के लिए क्या सहयोग कर सकते हैं………. अपने देश में ही अपनी भाषा को सम्मान जो मिलना चाहिए [...]

ग़ज़ल

ग़ज़ल चमकती धूप में अपने,बदन को हम जलाते हैं। बड़ी मुश्किल से इस मिट्टी को हम सोना बनाते हैं।। लुटा कर जान उल्फत में,मिली थी यार रुसवाई, ज़रा सी बात में अपने,हमी से रूठ जाते हैं ।। फसल उगती नहीं ऐसे,बुआई में पसीने की, कई बूंदे मिलाकर हम,इसे गुलशन बनाते [...]

श्री मार्कण्डेय पुराण की अमर कथा

श्री मार्कण्डेय पुराण की अमर कथा भव के तारक जगत के ताप हरे!!!! ऋद्धि-समृद्धि-सिद्धि से जन को तरे उल्लसित-पुलकित हर जगत बिहरे! श्री मार्कंडेय पुराण की अमर कथा भव के तारक जगत के ताप हरे—— जब-जब देवों के मंडल में आफत पड़े! असुरन के जे वाता मगन विचरे!! जब-जब धर्म [...]

लघुकथा: उपहार

लघुकथा: उपहार आज आपको क्या हो गया है? आपको तो बारिश से, सड़क किनारे बिकती खाने-पीने की चीजों से बहुत चिढ़ थी। गाड़ी से नीचे उतरना आपको अपनी शान के खिलाफ लगता था। आज आप मेरा हाथ थाम कर पैदल चल रहे हैं। बारिश में भीग रहे हैं। गर्म सिंकते [...]

“वह स्त्री कौन थी?”

“वह स्त्री कौन थी?” दिन का अवसान निकट था। कार्तिक मास की सांझ आसमान में बादलों की विविध आकृतियां निर्मित कर रहा था । सरिता का प्रवाहित जल चट्टानों से टकराकर नाद करता। तट बरसाती पौधों की नई कौम से आच्छादित थे। उन पर कुछ पुष्पित पौधे प्रकृति में चार [...]

मेरे प्यारे चांदमामा

मेरे प्यारे चांदमामा मामा मामा चाँद मामा चाँदनी तेरी फलकनामा बहुत सुंदर दिखता मामा धरती से दूर रहते हो मामा बच्चों का दुलारा मामा चाँद गोपाल ! सागर मंथन में पैदा हुए हैं। चाँद-लक्ष्मी भाई बहन हैं । माता लक्ष्मी सबकी माता है। इसलिए यह सब का मामा हैं । [...]

बड़ी वाली अलमारी

बड़ी वाली अलमारी गर्मी की छुट्टी हो चुकी है। भाभी और भैया कई बार घर आने के लिए फोन कर चुके हैं। मन तो उसका भी है पर घर में बिखरे कई कामों को निपटाने का मौका छुट्टी मे ही मिल पाता है। इसलिए कुछ छुट्टी घर पर बिताने के [...]