लघुकथा: कर्तव्य बनाम अधिकार
लघुकथा: कर्तव्य बनाम अधिकार “नमस्ते दीदी!”अचानक से नमिता ने घर में प्रवेश किया तो उसकी भाभी प्रज्ञा ने उसका स्वागत किया। “नमस्ते! नमस्ते!कैसी हो भाभी?”नमिता ने उत्तर दिया। “मैं ठीक हूँ दीदी।आप कैसी हो दीदी? आप बैठिए, मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूँ।”नमिता रसोईघर की तरफ बढ़ी। “क्या [...]