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लघुकथा: कर्तव्य बनाम अधिकार

लघुकथा: कर्तव्य बनाम अधिकार “नमस्ते दीदी!”अचानक से नमिता ने घर में प्रवेश किया तो उसकी भाभी प्रज्ञा ने उसका स्वागत किया। “नमस्ते! नमस्ते!कैसी हो भाभी?”नमिता ने उत्तर दिया। “मैं ठीक हूँ दीदी।आप कैसी हो दीदी? आप बैठिए, मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूँ।”नमिता रसोईघर की तरफ बढ़ी। “क्या [...]

” गणेश विसर्जन” लघुकथा….

” गणेश विसर्जन” *लघुकथा*….. “रमेश तुझे कितनी बार कहा कि अपने शराबी दोस्तों का साथ छोड़कर ,अपनी नोकरी औऱ ग्रहस्थी में ध्यान दे ,पर तू तो कुछ भी नही सुनता अपनी माँ की सीख” तेरी इस आदत से हम सभी परेशान हो चुके हैं ,छोड़ दे अब यह व्यसन बेटा!!!” [...]

लघुकथा: संवेदना शून्य

लघुकथा: संवेदना शून्य “आह!” रीमा की चीख गूँजी। “क्या हुआ बहू?” माला भागी- भागी रसोई में आई। देखा तो बहू रीमा पाँव को पकड़े कराह रही थी। पास ही खौलते तेल की कड़ाही औंधी पड़ी थी। तेल धीरे-धीरे बहता हुआ ढलान की तरफ जा रहा था। माला समझ गई कि [...]

लघुकथा: उपहार

लघुकथा: उपहार आज आपको क्या हो गया है? आपको तो बारिश से, सड़क किनारे बिकती खाने-पीने की चीजों से बहुत चिढ़ थी। गाड़ी से नीचे उतरना आपको अपनी शान के खिलाफ लगता था। आज आप मेरा हाथ थाम कर पैदल चल रहे हैं। बारिश में भीग रहे हैं। गर्म सिंकते [...]

नालायक ( लघुकथा )

नालायक ( लघुकथा ) श्यामल सिंह के चार लड़के और दो लड़कीयाॅं हैं। सभी का शादी विवाह कर के वे खुशी से जीवन व्यतीत कर रहें हैं। वे भारत सरकार के पेंशन भोगी हैं। उनका मुख्य चिंता संझला लड़का शक्ति सिंह है। बड़ा लड़का अपने परिवार के साथ राज्य के [...]

उम्मीद ( लघुकथा )

उम्मीद ( लघुकथा ) वह सुन पा रही थी बहस में ऊँची होती आवाज़ और फिर माँ की सिसकी… पापा को वो नहीं चाहिए… क्यों पापा? मैं क्या नहीं कर सकती जो आपका बेटा कर देगा. वो पूछना चाहती थी… दादी आप तो खुद एक औरत हो फिर आप कैसे…. [...]