चुनावी गीत
चुनावी गीत बादल चुनाव के जब भी छाए। देश में वादों की बाढ़ सी आए। घोषणाओं की घनघोर घटा, भाषणों की इंद्रधनुषी छटा, कर्सी लोलुप मेढ़क ये टर्राए। बादल चुनाव के जब भी छाए। नारे बैनर झंड़ों की हरियाली, चमचों के चेहरे पे खुशहाली, कोल्हू के बैल सा दौड़ लगाए। [...]