तरकीब सीखा दे..
तरकीब सीखा दे.. ना पीछे देखने का वक्त हो, ना आगे बढ़ने की आरजू यह दुनिया जैसे चलती है ,रहना बीच इनके सिखा दे किसी के होने ना होने का एहसास ना हो बाकी जो तू चाहे ,अपने हिसाब से चला दे लोगों से पहले सोचना खुद के लिए शुरू [...]
तरकीब सीखा दे.. ना पीछे देखने का वक्त हो, ना आगे बढ़ने की आरजू यह दुनिया जैसे चलती है ,रहना बीच इनके सिखा दे किसी के होने ना होने का एहसास ना हो बाकी जो तू चाहे ,अपने हिसाब से चला दे लोगों से पहले सोचना खुद के लिए शुरू [...]
तरकीब सीखा दे.. ना पीछे देखने का वक्त हो, ना आगे बढ़ने की आरजू यह दुनिया जैसे चलती है ,रहना बीच इनके सिखा दे किसी के होने ना होने का एहसास ना हो बाकी जो तू चाहे ,अपने हिसाब से चला दे लोगों से पहले सोचना खुद के लिए शुरू [...]
होलिका महोत्सव होली रंगों का त्यौहार देता है पौराणिक संदेश ईश्वर अपने भक्तों की रक्षा कर देते हैं उपदेश बुराई पर अच्छाई की विजय का होली त्यौहार हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को दिया था दुत्कार भक्ति करता था ईष्ट विष्णु का दिल से सत्कार राक्षस भयभीत था दिया बहन को अधिकार [...]
शुभ संकल्प समूह द्वारा “तूलिका के रंग” शीर्षक पर रंगा-रंग फाग उत्सव संपन्न इंदौर – शुभ संकल्प समूह द्वारा इंदौर की शान व भारतीय लोक संस्कृति की प्रशंसा यूरोप के नीदरलैंड्स तक पहुंची! इंदौर की लोकप्रिय संस्था शुभ संकल्प समूह व स्टेट प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में लोक संस्कृति [...]
रंगोत्सव होली पर्व मधुर मंगलमय, जनजीवन-उपकारी है। नर के भावलोक का शोधक, सर्व स्वास्थ्य-हितकारी है।। पावक-ज्वाला जब होली की, ऊर्ध्वमुखी लहराती है। मन के ऊपर की परतों के, सहज विकार जलाती है।। अगले दिन जब रंगोत्सव की, धूम चतुर्दिक मचती है। आदिम नैसर्गिक दुनिया में, नर की वृत्ति उतरती है।। [...]
भारत की होली चंद्र किरण का डोला लाया,पवन गंध अनमोल। भारत भू पर बादल बनकर, रंग निराले डोल।। सीता- राम अवध में खेलें,मर्यादित मन मीत। मथुरा में राधा- कान्हा से, फागुन हुआ प्रतीत।। गौरा माता के गौने पर,काशी ओढ़े भस्म। लट्ठमार , फूलों की होली,बरसाने की रस्म।। उत्तर में गीतों [...]
बेटियां -पत्तियां पत्तियों का डाली से छूटना आया पतझर में जैसे वृक्ष को रोना आया परिंदों का था ये पत्तियों का पर्दा छाँव छूटी और तपिश गहराया | पत्तियां भी होती बेटियों की तरह वृक्ष घर को ये कर जाती सूना रूठ कर करती है जिद्दी फरमाइशे पिता वृक्ष कर [...]
हे राम चारों तरफ शोर बड़ा भारी है अयोध्या में आए अवध बिहारी हैं पुलकित सब नर और नारी हैं प्राण प्रतिष्ठा की हो रही तैयारी है ‘ भगवान राम से मेरा सवाल ‘ हे राम आप कहां गए थे जो आ गए सारे देश वासियों के मन पर छा [...]
प्रेम एक साधना प्रेम का विषय अत्यंत कठिन हैंं, प्रेम को शब्दों में बयां करना इतना आसान नहीं है। प्रेम को ऐसे नहीं समझा जा सकता, प्रेम की परिभाषा उकेरना असंभव हैं। इसको केवल करके ही समझा जा सकता है। प्रेम एक साधना है, और साधना में साधक को त्याग [...]
होली सकल धरा पर और गगन में, रंगों की फुहार है। फागुन महिना रंग बसंती, होली का त्यौहार है।। अमरैया में बौर उगे हैं, डाली पर कोयल बोले हैं। बजे बाॅंसुरी सुबह शाम अब, मन में मधुरस घोले हैं।। चले सुगंधित पवन पुरवैया, ये कैसा बयार है। फागुन महिना रंग………. [...]