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उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा राम राज्य पर संगोष्ठी का आयोजन

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा राम राज्य पर संगोष्ठी का आयोजन उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ एवं रत्नाकर शोधपीठ ,डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के संयुक्त तत्त्वावधान में वर्तमान परिवेश में राम राज्य विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप [...]

जिसका नही कोई उसके साथ आकाश । काठी में दो बंदर भी पहुचे

जिसका नही कोई उसके साथ आकाश । काठी में दो बंदर भी पहुचे समाज सेवा शब्द सुनते ही रहते हैं पर समाज सेवा करने वाले चंद लोग ही सच्ची सेवा के प्रति समर्पित भाव से लगे रहते हैं जो दिखाई भी देता है। नागपुर महाराष्ट्र के मूल निवासी (भाई बहन) [...]

मेरा देश, मेरा सपना

मेरा देश, मेरा सपना मेरा देश, मेरी पहचान, सपनों का संसार, खुशियों की शान। हर खेत, हर गली में बसी है कहानी, सदियों की मेहनत, संघर्ष की निशानी। सूरज की पहली किरण से चमकता है यह, हर दिल में बसी है, इसकी धड़कन और राग। गंगा की लहरों में, बहती [...]

गौमाता की रक्षा

गौमाता की रक्षा कान्हा गया भारत से , क्या चैन की वंशी गई? गौरक्षा का दायित्व छोड़ा, सभी नौकरी के चहेते हो गए; गौमाता की रक्षा के अब टोटे हो गए। कान्हा तेरे देश में आदमी आदमियत हारा और तू कर रहा किनारा ? तेरे भी संगी- साथी सेवक-मुखौटे हो [...]

बुलंदशहर जनपद के खुर्जा शहर के डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी को कविता लेखन प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए निराला “काव्य रत्न “सम्मान से किया गया सम्मानित 

बुलंदशहर जनपद के खुर्जा शहर के डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी को कविता लेखन प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए निराला “काव्य रत्न “सम्मान से किया गया सम्मानित  —————————————- उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के खुर्जा शहर के प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं साहित्यकार संगम संस्था के वर्तमान सचिव डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी [...]

डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी द्वारा रचित रामसखा निषादराज (खण्डकाव्य) का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह सम्पन्न लखनऊ, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के निराला सभागार में विमोचन एवं सम्मान समारोह की अध्यक्षता प्रो. विद्योत्तमा मिश्रा पूर्व प्रो. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, मुख्य अतिथि प्रो. राम विनय सिंह डी.ए.वी. महाविद्यालय देहरादून, उत्तराखंड विशिष्ट [...]

मूक की व्यथा

मूक की व्यथा तीन बच्चे इन्टू पिंटू चिंटू सोचते रहते थे न जाने हमको लोग क्यों भगाते रहते हैं ।मां पिता है नहीं तो जिसकी जो मर्जी आती है वह कुछ दे देता है नहींc तो डांट के भगा देता है। छोटे ही थे दया खाकर कभी कुछ खाने को [...]

तुम होते तो

तुम होते तो ‘तुम होते तो’ साहित्यांजलि प्रकाशन, प्रयागराज से प्रकाशित, वरिष्ठ कवि आदरणीय पंकज बुरहानपुरी जी द्वारा रचित कई गीतों का एक गीत संग्रह है, जिसमें उन्होंने अपनी संवेदनाओं को गीतों के माध्यम से बड़े ही प्रभावी ढंग से व्यक्त किया है- सात सोपानो में विभक्त यह पुस्तक भाषा, [...]

सोलह श्रृंगार

सोलह श्रृंगार मैं तो सुहाग सिंदूर मांग सजाऊँ। मैं तो कंगन,चूड़ी खन-खन खनकाऊँ। मैं तो पायलियाँ छन-छन छनकाऊँ। होता नहीं भाग्य में लिखा सबका सोलह श्रृंगार। चाहिए इसके लिए प्रभु जी की कृपा अपार। मैं तो मेहंदी हाथ रचाऊँ। मैं तो महावर पांव लगाऊँ। काजल से अखियाँ कजराऊँ। होता नहीं [...]

अखिल भारतीय साहित्य परिषद्

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् द्वारा गाजीपुर के अहीरपुरवा, जंजीरपुर, आदर्श बाजार में धर्मदेव यादव धर्मेश के प्रमुख संयोजन में कवि विजय कुमार मधुरेश एवं कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के संचालन में महाकाव्य रचयिता कवि कामेश्वर द्विवेदी के अध्यक्षता में मुख्य अतिथि पुणे ,महाराष्ट्र की प्रख्यात कवयित्री एवं भजन गायिका डॉ.रीता [...]