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जिसका नही कोई उसके साथ आकाश । काठी में दो बंदर भी पहुचे

जिसका नही कोई उसके साथ आकाश । काठी में दो बंदर भी पहुचे

समाज सेवा शब्द सुनते ही रहते हैं पर समाज सेवा करने वाले चंद लोग ही सच्ची सेवा के प्रति समर्पित भाव से लगे रहते हैं जो दिखाई भी देता है। नागपुर महाराष्ट्र के मूल निवासी (भाई बहन) नंद किशोर कुडू भाई कुमूद कुडू बहनजो महिला समूह के काम के चलते पिछले कुछ वर्षों से पिथौरा में मितवा महिला समूह में कार्य कर रहे थे। पिथौरा में कोई रिश्ते दार नाते दार तो नही थे पर मोहल्ले में आपसी परिवार का संबंध बना लिए थे। अल्प कमाई से दोनों भाई बहन अपना जीवन गुजर बसर कर रहे थे कि बिते दिनों एक दुर्घटना के चलते भाई को इलाज़ की जरूरत पड़ी तो बहन के समक्ष आर्थिक समास्या खड़ी हो गई उस वक्त एक सहारा बन कर कोई सामने आया तो वह आकाश अग्रवाल जिसने इलाज के लिए आर्थिक सहायता कराया उपलब्ध कराई और रायपुर इलाज हेतु व्यवस्था कर नगद सहयोग दिया परंतु ईश्वर की निती के आगे सब नतमस्तक होकर रह गये नंदकिशोर का निधन इलाज के दौरान मौत हो ग गई। इस विकट समय में पुनः आकाश अग्रवाल एक बडे़ भाई की हैसियत से परिवार के बड़े का दायित्व निभाने का काम कर हिदु रिती रिवाज से मृतक नंदकिशोर का दाह संसकार करने का काम किया। मुक्ति धाम सेवा समिति द्वारा दुखी परिवार को नि:शुल्क जलावन का सहयोग दिया गया आकाश अग्रवाल ने पिथौरा से लेकर रायपुर तक एवं दाहसंस्कार क्रिया कर्म तक स्वयं उपास्थित होकर आर्थिक एवं समय दान किया गया ।। मृतक नंदकिशोर की काठी दाहसंस्कार में वैसे तो मोहल्ले वाले थे परंतु दो बंदर भी मुक्ति धाम में तब तक थे जब तक नंदकिशोर का मृत शरीर पंच तत्व में लीन नही हो गया। बहन कुमुद ने बताया कि मेरा भाई नंदकिशोर बजरंग बली का परम भक्त था बंदरों को यथा शक्ति बिसकुट चना केले आदि दिया करता था।।।इस सेवा कार्य में आकाश अग्रवाल मोनू सलूजा अंसूल तिवारी गोविन्द शर्मा अशोक चौहान मनीराम निषाद केतवास एवं मुक्ति धाम सेवा समिति के सेवादार थे।।

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