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समझौता (लेख)

समझौता (लेख) मंजू की लेखनी आज ऐसा कटु सत्य आप सभी के समक्ष रखना चाहती है जो हर समाज में नजर आता है | विचार कीजिएगा …….. आप सभी ने समझौता (Compromise) शब्द तो सुना होगा और कभी न कभी जिंदगी में समझौता किया भी होगा | फिर भी जब [...]

ग़ज़ल

ग़ज़ल हमनशीं हमनवा दिलदार हुआ करते थे इश्क़ के वो भी तलबगार हुआ करते थे लूट लेते थे वो पल भर में ही सारी महफ़िल शेर ग़ज़लों के असरदार हुआ करते थे चंद सिक्को में ये अख़बार भी बिक जाते अब जो कभी सच के तरफ़दार हुआ करते थे सबको [...]

हिंदी

हिंदी हिंदी माथे की बिंदी है जो है सबके जवान की। भाषाओं को अपनाने की पूरी मन में ठान ली ।। मंदिर में हम कैसे पूजे चोरी होती राम की हिन्दी माथे की विंदी हैं जो है सबके जुवान की।। हिन्दू है हम भारतवासी हिंदी लिखकर गाते हैं जग में [...]

बाँस की बाँसुरी में संगीत स्वर भरता

बाँस की बाँसुरी में संगीत स्वर भरता प्यार की कोई रूपरेखा नहीं होती है, वह तो प्रायः नैसर्गिक ही हो जाता है, कभी धरती पर इंसान से हो जाता है, व इंसान का भगवान से हो जाता है। जब किसी की अनुभूति स्वयं से भी अधिक अच्छी लगे तो वो [...]

मनभावन धरती की चूनर धानी लगती है

मनभावन धरती की चूनर धानी लगती है मीठी-मीठी कोयल की कूक सुहानी लगती है अति मनभावन धरती की चूनर धानी लगती है हरे- भरे वृक्ष बाग- बगीचों की शोभा होते हैं जिनकी छाया के नीचे बड़े चैन से सोते हैं फूलों से लदी डाली बड़ी लुभावनी लगती है अति मनभावन [...]

मेरे हमसफर

मेरे हमसफर ए मेरे हमसफर देखती हूं जिधर आते हो तुम नजर । कभी दिल की धड़कन बनकर सांसों की डोर से जुड़ जाते हो। कभी आंखों में चुपके से आकर ज्योति बनकर चमकते हो । कभी होठों की मुस्कान बनकर चेहरे का नूर बढ़ाते हो । कभी सूरज की [...]

बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी’

बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी’ ‘औराही-हिंगना’ गाँव की मिट्टी से, ये सौंधी-सौंधी महक आ रही है। अब बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी? हिंदी साहित्य के इस शिखर पर , रचनाओं के अनगिनत पेड़ लगे हैं। अब बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी? देखो! मेरी क़लम की तेज निकौनी से, ये प्रकृति [...]

ऋतुपति

ऋतुपति अनुरक्त हुए ऋतुपति को मैं, पीने को हाला देती हूँ। कंचनवर्णी इस यौवन को, मधुरस का प्याला देती हूँ।। मधुरिम अधरों पर रसासिक्त, आँखें सुंदर भी हैं नीली। यौवन मद में मखमली बदन, स्वर्णिम आभा नथ चमकीली, प्रेयसी प्राणदा प्रियतम को, प्यारी मधुशाला देती हूँ। कंचनवर्णी इस यौवन को, [...]

सिर पर होगा ताज

सिर पर होगा ताज महिमा जानो राम नाम की, राम रखेंगे लाज। बिगड़े सारे काम बनेंगे, सिर पर होगा ताज।। विपदा ने घेरा हो प्राणी, कठिन गिरी हो गाज। बिगड़े सारे काम बनेंगे, सिर पर होगा ताज।। आहत मन बेबस हो जाये, पड़े रंग में भंग। चैन न पाएं व्याकुल [...]

(कहानी) आस्था —

(कहानी) आस्था — आज हनुमान जी के जन्मोत्सव का पावन पर्व है। शहर के सभी मन्दिरों में हनुमान जी का जन्मदिन बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बाबा बजरंगबली के मनमोहक भजन — तेरे जैसा रामभक्त कोई हुआ न होगा मतवाला.. एक जरा सी बात पर आखिर सीना [...]