दोहे
दोहे (१) अनपढ़ के सर ताज है,ज्ञानी छीले घास। कलयुग की लीला अजब,भूप बन गए दास।। (२) पढ़े- लिखे का है नहीं, दुनिया में अब मोल। कोयल चुप बैठीं सभी,कौए बोलें बोल।। (३) माला लेकर हाथ में, जपें राम का नाम। भले मनुज के भेष में, करें घिनौने काम।। (४) [...]