Search for:
  • Home/
  • Tag: @हिंदीकविता

बाँस की बाँसुरी में संगीत स्वर भरता

बाँस की बाँसुरी में संगीत स्वर भरता प्यार की कोई रूपरेखा नहीं होती है, वह तो प्रायः नैसर्गिक ही हो जाता है, कभी धरती पर इंसान से हो जाता है, व इंसान का भगवान से हो जाता है। जब किसी की अनुभूति स्वयं से भी अधिक अच्छी लगे तो वो [...]

मनभावन धरती की चूनर धानी लगती है

मनभावन धरती की चूनर धानी लगती है मीठी-मीठी कोयल की कूक सुहानी लगती है अति मनभावन धरती की चूनर धानी लगती है हरे- भरे वृक्ष बाग- बगीचों की शोभा होते हैं जिनकी छाया के नीचे बड़े चैन से सोते हैं फूलों से लदी डाली बड़ी लुभावनी लगती है अति मनभावन [...]

मेरे हमसफर

मेरे हमसफर ए मेरे हमसफर देखती हूं जिधर आते हो तुम नजर । कभी दिल की धड़कन बनकर सांसों की डोर से जुड़ जाते हो। कभी आंखों में चुपके से आकर ज्योति बनकर चमकते हो । कभी होठों की मुस्कान बनकर चेहरे का नूर बढ़ाते हो । कभी सूरज की [...]

बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी’

बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी’ ‘औराही-हिंगना’ गाँव की मिट्टी से, ये सौंधी-सौंधी महक आ रही है। अब बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी? हिंदी साहित्य के इस शिखर पर , रचनाओं के अनगिनत पेड़ लगे हैं। अब बंजरीली कहांँ रही ये मिट्टी? देखो! मेरी क़लम की तेज निकौनी से, ये प्रकृति [...]

ऋतुपति

ऋतुपति अनुरक्त हुए ऋतुपति को मैं, पीने को हाला देती हूँ। कंचनवर्णी इस यौवन को, मधुरस का प्याला देती हूँ।। मधुरिम अधरों पर रसासिक्त, आँखें सुंदर भी हैं नीली। यौवन मद में मखमली बदन, स्वर्णिम आभा नथ चमकीली, प्रेयसी प्राणदा प्रियतम को, प्यारी मधुशाला देती हूँ। कंचनवर्णी इस यौवन को, [...]

सिर पर होगा ताज

सिर पर होगा ताज महिमा जानो राम नाम की, राम रखेंगे लाज। बिगड़े सारे काम बनेंगे, सिर पर होगा ताज।। विपदा ने घेरा हो प्राणी, कठिन गिरी हो गाज। बिगड़े सारे काम बनेंगे, सिर पर होगा ताज।। आहत मन बेबस हो जाये, पड़े रंग में भंग। चैन न पाएं व्याकुल [...]

(कहानी) आस्था —

(कहानी) आस्था — आज हनुमान जी के जन्मोत्सव का पावन पर्व है। शहर के सभी मन्दिरों में हनुमान जी का जन्मदिन बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बाबा बजरंगबली के मनमोहक भजन — तेरे जैसा रामभक्त कोई हुआ न होगा मतवाला.. एक जरा सी बात पर आखिर सीना [...]

दिल फिर क्यूँ आज बहकने को बेताब है

दिल फिर क्यूँ आज बहकने को बेताब है दिल फिर क्यूँ आज बहकने को बेताब है क्या फिर नूर-ए-कशिश पर दिखा आफताब है बड़े ही जतन से सम्भाला कम्बख्त ये दिल था क्यूँ आज फिर उम्मीद के ज़ानिब से नासाज़ है दिल फिर क्यूँ आज बहकने को बेताब है उनसे [...]

चिता में जलने के बाद

चिता में जलने के बाद जीवन में निराश होकर रहना औरों की चमक देख ही विचलित होना है, उनकी सफलता नहीं संघर्षों से भी, हमने खुद को अवगत करवाना है। अपने सपने सच हो जायें इसलिये सिद्धान्तों पर चलना हम सब सीखें, वृक्षों की पत्तियाँ बदलती रहती हैं, उनकी मज़बूत [...]

मर्यादा पुरुषोतम

मर्यादा पुरुषोतम सत्कर्मों के हैं ज्ञान -पुंज , रघुकुल दीपक श्रीराम नमन। शरणागत आते सुखसागर, करते हैं आठों याम नमन।। घट-घट वासी पालनकर्त्ता, हनुमत साधक अंतर्यामी। अवगुणहर्ता जीवनदाता, मर्यादा पुरुषोत्तम स्वामी।। हे ज्ञानवान हे शक्तिमान, रघुकुल-भूषण सुखधाम नमन। शरणागत आते सुखसागर, करते हैं आठों याम नमन।। कौशल किशोर करुणा-निधान, जगतारक [...]