तुलसी पौधा
तुलसी पौधा
दोहा
हिंदू-घर की पूजनीय, तुलसी माता जान ।
औषधीय गुण अनेक हैं, उनको भी पहचान ।।
तुलसी, देवी रूप में, घर-घर पूजी जाए ।
रोग-कष्ट सब दूर हों, करिए निम्न उपाय ।।
चौपाई
तुलसी पौधा है गुणकारी ।
हर ले रोग, व्याधि सारी ।।
प्राणवायु उत्सर्जित करता ।
यूँ उस घर का, भाग्य सँवरता ।।
अदरक, शहद के संग मिलाओ ।
और तुलसी की चाय बनाओ ।।
सर्दी भर करिये उपयोग ।
नहीं होय खांसी का रोग ।।
दोहा
सर्दी खाँसी हो अग़र, या हो तेज जुकाम ।
गोल मिर्च, गुड़, लौंग औ’ तुलसी, काढ़ा दे आराम ।।
तुलसी पौधा ही नहीं, औषधि का भंडार ।
सँजीवनी इसको कहें, अमृत का आधार ।।
चौपाई
पाचन शक्ति, भूख बढ़ाती ।
पेटदर्द में लाभ कराती ।।
तुलसी पत्ते रोज चबाएं ।
मुंह की दुर्गंध दूर भगाएं ।।
दो-दो बूंद कान में डालो ।
दर्द से यूँ छुटकारा पा लो ।।
अगर रतौंधी जिनको आती ।
तुलसी रस से ठीक हो जाती ।।
सिर में दर्द अग़र हो भारी ।
चाय पीजिए, ठीक बीमारी ।।
दोहा
ग़र शरीर में हो गया, छोटा-मोटा घाव ।
फिटकरी-तुलसी पीसकर, फौरन लेप लगाओ ।।
चौपाई
तुलसी पत्ते माँ की ममता ।
बढ़े, रोग प्रतिरोधक क्षमता
।।
भूख बढ़े और फुर्ती आती ।
पाचनशक्ति भी बढ़ जाती
।।
पत्ते पीस लगाओ सिर में ।
लाभ मिलेगा केश-क्षरण में ।।
यह दिल को मजबूत बनाये ।
ह्रदय रोग खतरा टल जाये ।।
दोहा
सांप कोई काटे अग़र, तुलसीरस उपचार ।
पत्ते पीस पिलाइए, यह होगा उपकार ।।
तुलसी, देवी रूप है, घर-घर पूजी जात ।
घर, आंगन, छत पर इसे, हिंदू सदा लगात ।।
अमर सिंह वर्मा, जबलपुर ।