Search for:
  • Home/
  • Tag: @हिंदीकविता

विरह वेदना गीत

विरह वेदना गीत वो बसती थी सांसों में मेरे,मुझसे रिश्ते यूं ही तोड़ गई। नाच नचाकर प्रेमिल वो मेरे, दुःखड़ो में वो छोड़ गई। मेरी आंखों की शबनम वो,मनोरम सा संजीत मेरा। चितमन की अनुरित वो, मन से पगला मीत मेरा। सर पैरों में मात झुकाके,तुझसे रूह को जोड़ गई। [...]

स्वीकार हमें कर लीजिए

( गुरु भक्ति गीत ) स्वीकार हमें कर लीजिए गुरु तेरे चरण में आया हूं ,स्वीकार मुझे अब कर लीजिए । भूलों को मेरी हे गुरुवर, अब माफ तुम्ही तो कर दीजिए ।। मैं अज्ञानी अनजान मुझे ,ज्ञान की राह दिखा दीजिए । चंचल है प्रभु मेरा यह मन ,साधना [...]

हिचकियां हाय रे यह हिचकियां , बग़ावत पर उतारू हैं। यादें हैं तुम्हारी या हैं , दिल की कोई बीमारी। सांसों को रोक देतीं, जब कभी भी आतीं। हृदय के हर झरोखों से , हो कर गुज़र जातीं। कोई याद किसी को करता, या दिल से कोई बुलाता। काफी दिनों [...]

चले आना तुम

चले आना तुम हसरत में रौनकें महफ़िल सजाई है, महकती बहारों से खुश्बुयें चुराईं है। स्वप्निल आँखों में ख्बाब समाया है, प्रेम पयोधि ज्वार दिल पे छाया है। बेकरारी दिल की कहती ये सनम है, चलें आना तुम,ना रोकना कदम है.. दूरियाँ हुई क्यूँ,ये तुम भी जानते हो, शिकवे गिले [...]

विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस हिंदी मेरे रोम रोम में हिंदी की ही पूजा करता हूँ। सबसे सुंदर हिंदी भाषा। ज्यो है दुल्हन की सुंदर बिंदी सूर ,तुलसी,जायसी जैसे कवि हिंदी के हिंदी से पहचान हमारी हिंदी से शान हमारी। निज भाषा पर गर्व करते है हिंदी हमारा अभिमान हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा। [...]

ग़ज़ल

ग़ज़ल प्यार करना भी नहीं उससे मुकरना भी नहीं दूर रहकर है तड़पती और मिलना भी नहीं// देख के हम होश अपने फिर कहीं खो ही न दें राह से तुम अब कभी मेरी गुज़रना भी नहीं// देख टुकड़े लाख होंगे गर न सँभला आज तू दिल मेरे तू ग़ैर [...]

हिन्दी हैं हम वतन है हिंदोस्ता हमारा

हिन्दी हैं हम वतन है हिंदोस्ता हमारा हमारी संस्कृति मातृभाषा हिन्दी है हिन्दी की बिन्दी(अनुस्वार) हमारी शान है, हमारा देश महान है। हिन्दी भाषा नाम बनाती है हिन्दी बिगड़े काम बनाती है हिन्दी शिष्टाचार है हिन्दी ही विश्वास है हिन्दी लोगो का मान बढ़ाती, लोगो को सम्मान दिलाती है चिकित्सक, [...]

सत्युक्ति

सत्युक्ति बिना पुरुषार्थ, काया से कोई पुरुष नहीं। बिना प्रेम,मोह का कोई महत्व नहीं। राग के समान,इस दुनिया में कोई रोग नहीं। द्वेष के समान,मनुष्य का कोई दुर्भाग्य नहीं। संसार के संस्कार के समान,कोई बंधन नहीं। शांति और मुक्ति के समान, कोई सुख नहीं।। मूढ़ों का सहवास, सदा दुखदायी होता [...]

बच्चों के मुख से

बच्चों के मुख से कौन कहता है बचपन अच्छा होता कहां कोई अपने मन की करने देता यह करो ना करो बनो अच्छे सब का कहना होता जल्दी उठ तैयार हो स्कूल पहुंचना होता बस्ते के बोझ से कमर झुकी कोई व्यथा सुनने वाला होता मम्मी की डाट पीछा कर [...]

किताबें खुशबू देतीं हैं….

किताबें खुशबू देतीं हैं…. ‘ किताबें खुशबू देतीं हैं किताबें मंजिलों का मार्ग समझाती , जीवन की राह बनातीं हैं…..’ ‘किताबें जादूगर सा सब कुछ बदल कर रख देतीं हैं…. किताबें अलबेली, अनमोल होतीं हैं…!!!’ ‘किताबों से मित्रता करिए, ये हमारी हितैषी होतीं हैं। किताबें ही माता पिता सी पूज्यनीय,भाई [...]