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स्वीकार हमें कर लीजिए

( गुरु भक्ति गीत )

स्वीकार हमें कर लीजिए

गुरु तेरे चरण में आया हूं ,स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।
भूलों को मेरी हे गुरुवर, अब माफ तुम्ही तो कर दीजिए ।।

मैं अज्ञानी अनजान मुझे ,ज्ञान की राह दिखा दीजिए ।
चंचल है प्रभु मेरा यह मन ,साधना मुझे सिखला दीजिए ।।
प्रभु तेरे चरण में आया हूं,स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।।

मैं पापी हूं अधर्मी हूं , मुझे सत्य राह दिखला दीजिए ।
भटक रहा हूं दर-दर मैं,अब अपने शरण में बुला लीजिए ।।
प्रभु तेरे चरण में आया हूं,स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।।

हर अबला की मैं रक्षा करूं ,वह शक्ति प्रभु मुझको दीजिए ।
मैं नशा पान से दूर रहूं , इतनी शक्ति भी मुझे दीजिए ।।
प्रभु तेरे चरण में आया हूं,स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।।

निर्धन का मैं उपकार करूं ,इतनी धन मुझको दे दीजिए ।
हर अंधकार को मिटा सकूं ,वह ज्ञान प्रभु मुझको दीजिए ।।
प्रभु तेरे चरण में आया हूं, स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।।

काम क्रोध मद लोभ दंभ से, दूर मुझे अब कर दीजिए ।
हर पल मैं नेकी काम करूं,प्रभु ऐसा बुद्धि मुझे दीजिए ।।
प्रभु तेरे चरण में आया हूं, स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।।

मैं चंद्र बनूं ना सूरज बनूं , इक दीपक मुझे बना दीजिए ।
तिमिर जहां मैं प्रकाश बनूं , उज्जल भविष्य तो कर दीजिए ।।
प्रभु तेरे चरण में आया हूं ,स्वीकार मुझे अब कर लीजिए ।।

बसंत कुमार “ऋतुराज”
अभनपुर, जिला- रायपुर
छत्तीसगढ़

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