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किताबें खुशबू देतीं हैं….

किताबें खुशबू देतीं हैं….

‘ किताबें खुशबू देतीं हैं
किताबें मंजिलों का मार्ग
समझाती ,
जीवन की राह बनातीं हैं…..’

‘किताबें जादूगर सा
सब कुछ बदल कर
रख देतीं हैं….
किताबें अलबेली, अनमोल होतीं हैं…!!!’

‘किताबों से मित्रता करिए,
ये हमारी हितैषी होतीं हैं।
किताबें ही माता पिता सी पूज्यनीय,भाई बहनों के वात्सल्य जैसी होतीं हैं.!!!’

‘किताबों से ही
मिलता ज्ञान का भंडार
,किताबें ही हैं असली जानकार!!’…
किताबों का पकड़ लो हाथ!!
ये ही तो उज्जवल प्रकाश सी होती हैं!!’

‘खोलती हैं ज्ञान चक्षु,
बनो इनका ही शुभेक्षु!!
किताबें ही किस्मत,किताबें ही सच्ची दुआ होतीं हैं!!!’

‘किताबों की उंगली थामे रखो,
इनकी ही संगत से ,सफलताओं का स्वाद चखो!!!…
किताबें ही हमारा आज!!!….
किताबें ही हमारा कल होतीं हैं..!’

‘अपना सिरमौर बनालो इन्हें,
अपने गले से लगा लो इन्हें…!
किताबें ही खुशबू देतीं हैं….!
किताबें ही जीवन को सुगंधित बनातीं हैं….!!

नवनीता दुबे नूपुर
मंडला, मध्यप्रदेश

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