विरह वेदना गीत
विरह वेदना गीत वो बसती थी सांसों में मेरे,मुझसे रिश्ते यूं ही तोड़ गई। नाच नचाकर प्रेमिल वो मेरे, दुःखड़ो में वो छोड़ गई। मेरी आंखों की शबनम वो,मनोरम सा संजीत मेरा। चितमन की अनुरित वो, मन से पगला मीत मेरा। सर पैरों में मात झुकाके,तुझसे रूह को जोड़ गई। [...]